सूखा धनिया पीस लें, उससे 4 गुना मिश्री मिलाकर शीशी में भरकर रखें। 1-1 चम्मच दो बार पानी के साथ लेने से अम्ल-पित्त में अत्यन्त लाभ होता है। इससे पेशाब भी खुलकर होता है।
3-4 ग्राम धनिया को 400 मिली पानी में पकाकर जब 100 मिली शेष बचे, तब छानकर शीतल कर लें, उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पीने से रक्तप्रदर या शरीर में होने वाली गर्मी में लाभ होता है।
बच्चों को वमन होने पर 2-3 ग्राम धनिये को कूटकर लगभग 400 मिली पानी में भिगोकर उसे छान लें, उसमें थोड़ा शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाते रहें। उससे बेचैनी भी कम होगी व वमन शान्त हो जाएगा।
प्रतिदिन 5-7 नीम के पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने वाले की कामवासना शान्त हो जाती है। ऐसा करने से अम्लपित्त (हाईपर एसिडिटी) में भी तुरन्त लाभ होता है।
6.
2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर, 1 चम्मच आँवला चूर्ण को 400 मिली पानी में 100 मिली शेष रहने तक पकाएं, फिर इसे छानकर हल्का गुनगुना कर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से रसौली में लाभ होता है।