दशमूल क्वाथ, अरंडी की जड़ या पोहकर मूल के चूर्ण मिलाकर पीने से खासी और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
दशमूल क्वाथ के कारण काढ़े में सेंधा नमक और हींग को मिलाकर पीने से पक्षाघात रोग में लाभ होता है।
सन्निपात ज्वर में दाशमूल क्वाथ में पीपल चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
बुखार में दशमूल क्वाथ का प्रयोग करने से जीवन में बहुत जल्द लाभ मिलता है।
इस रोग में दशमूल काढ़ा के सेवन के साथ साथ कड़वा तेल मलना लाभकारी है।
पीपर का चूर्ण को दशमूल क्वाथ में मिलाकर पीने से सोती का रोग में फायदा होता है
अगर आप का रक्तचाप नियंत्रित रहता है तो दशमूल क्वाथ इसके लिए फायदेमंद है।
यह का लाभ प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है जोकि तनाव और अवसाद को कम करती है ब्रेन को हेल्दी रखने में उपयोगी है।
यह दवा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और थकान से बचाव में सहायता करती है।
तनाव के कारण कई अन्य प्रकार की बीमारी जन्म ले लेती है इससे बचने के लिए आप दशमूल क्वाथ का सेवन कर सकते हैं यह तनाव को दूर कर दिमाग को स्वस्थ बनाता है।
इस रोग में दशमूल काढ़ा के सेवन के साथ साथ कड़वा तेल मलना लाभकारी है।