लौह भस्म के 10 फायदे 

लौह भस्म के 10 फायदे 

लौह भस्म 2 रत्ती, प्रवाल भस्म 1 रती, पीपल चूर्ण 2 रत्ती मधु के साथ दें।

कफ रोग नाश के लिए

लौह भस्म 1 रत्ती, प्रवाल पिष्टी 1 रती, मिश्री 1 माशा मिला दुर्वा स्वरस के साथ दें।

रक्त-पित्त में

लौह भस्म 2 रत्ती, बंग भस्म 1 रत्ती, असगन्ध का चूर्ण 4 रती मक्खन या मलाई के साथ गरम दूध के साथ दें।

बल-वृद्धि के लिए

लौह भस्म 1 रत्ती, अभ्रक भस्म 1 रत्ती में मिला कर पुनर्नवा रस के साथ दें

पाण्डु रोग में

लौह भस्म 1 रत्ती, शिलाजीत सूर्यतापी 4 रत्ती में मिला धारोष्ण दूध के साथ दे।

मूत्रकृच्छ्र और मूत्राघात में

लौह भस्म 1 रत्ती, अदरक का रस और शहद के साथ मिलाकर दें।

वात ज्वर में

लौह भस्म 2 रत्ती अदरक का रस और काली मिर्च का चूर्ण 3 रत्ती में मिलाकर दें।

सन्निपात ज्वर में

लौह भस्म 2 रत्ती, प्रवाल भस्म 1 रती, वासा-रस में मधु मिलाकर दें।

खाँसी में

लौह भस्म 1 रत्ती, सोंठ को चूर्ण 4 रत्ती, निर्गुण्डी रस में पैत्तिक रोगों में मधु मिला कर दें।

वायु रोगों में

लौह भस्म 1 रत्ती, दालचीनी, छोटी इलायची और तेजपात का चूर्ण प्रत्येक 2-2 मधु के साथ दें।

सन्धि रोगों में

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