फंगल स्किन इंफेक्शन fungal infection in hindi

fungal infection उमस व नमी में तेजी से पनपता है और ज्यादातर उस हिस्से में होता है, जहां स्किन के 2 हिस्से आपस में आ कर मिलते या रगड़ खाते हैं। स्किन में खारिश या जलन होना, उस पर चकते निकलना या पपड़ीदार हो जाना, ये लक्षण स्किन fungal infection के हो सकते हैं। इन्हें अनदेखा ना करें। ऐसा करने पर बैक्टीरियल इन्फैक्शन fungal infection हो सकता है। खुजलाने पर स्किन के कटने, फटने पर संक्रमित बैक्टीरिया स्किन में काफी अंदर तक जा सकता है।

वैसे सामान्य रूप से स्किन में फंगस थोड़ी मात्रा में होती है। समस्या तब होती है, जब यह तेजी से पनपते हुए फैलने लगती है। फंगस की 150 से अधिक प्रजातियां हैं, लेकिन ज्यादातर इन्फेक्शन कैंडीडा अल्बीकन ट्राइकोफाइटॉन प्रजाति से होता है।

fungal infection के प्रकार

fungal infection शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर वे हिस्से चपेट में आते हैं, जहां स्किन के 2 हिस्से आ कर मिलते हैं या आपस में रगड़ खाते हैं, जैसे बगल, ग्रोइन एरिया (जहाँ त्वचा फोल्ड होती है) और हाथ व पैरों की उंगलियों के बीच का हिस्सा। यह fungal infection बरसाती मौसम में उमस और नमी की वजह से तेजी से पनपती है। यही वजह है कि इस मौसम में फंगल स्किन इन्फेक्शन fungal infection के मामले बढ़ जाते हैं।

इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने कंट्रोल से बाहर डाइबिटीज होने और बहुत मोटे लोगों में स्किन इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। तुरंत इलाज किए जाने पर fungal infection फैलने से रोका जा सकता है।

इलाज : एंटी फंगल दवाएं सीधी त्वचा पर लगायी जाती है। गंभीर मामलों में खाने के लिए दवा दी जा सकती है। पैरों को साफ और सूखा रखने की जरूरत होती है, क्योंकि फंगस नमी में तेजी से पनपती है। साफ और सूती मोजे पहनें। fungal infection होने पर बराबर मात्रा में पानी और सिरका मिला कर पैरों को 10 मिनट इसमें रखें और फिर पोंछ कर एंटी फंगल क्रीम लगाएं।

fungal infection कई तरह के होते हैं

जोक इंच

इसे टिनिया कूरिस भी कहते हैं। यह फंगस शरीर के गरम व नमीवाले हिस्सों में पनपती है, जिसके कारण जननांग, जांघों के अंदर के हिस्से और बटक्स इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह इन्फेक्शन होने पर गोल, लाल, खुजलीदार चकते निकल आते हैं।

क्या यह संक्रामक रोग है : यह बहुत ही हल्का संक्रामक रोग है। यह संक्रमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति की रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों को छूने से इन्फेक्शन हो सकता है।

लक्षण : खुजली, प्रोइन वा थाइजवाले हिस्से में जलन होना, गोल व लाल चकत्ते उभरे हुए किनारों के साथ निकलना, ग्रोइन या थाइज में लाली आना, त्वचा का पपड़ीदार या कटा होना।

डायग्नोस : ज्यादातर मामलों में इसके निकलने की जगह और शेप से डायग्नोस किया जाता है। डॉक्टर संक्रमित व्यक्ति के लक्षण, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री और माइक्रोस्कोपिक जांच से इसकी पुष्टि करते हैं। ट्रीटमेंट प्रभावित हिस्से को साफ और सूखा रखने, एंटी फंगल दवा लगाने से फायदा होता है। यह दवा क्रीम, पाउडर या स्प्रे कुछ भी हो सकती है। कपड़े खासतौर से अंडरवियर रोज बदलें।

एथलीट फुट

पैरों में होनेवाले इस इन्फेक्शन को टिनिया पेडिस भी कहते हैं। इससे पैरों की स्किन उतरने लगती है, त्वचा में लाली आ जाती है, खारिश व जलन महसूस होती है। कभीकभार पैरों में फफोले निकल आते हैं। यह गरम और नमीवाले वातावरण में पनपती है। यह ज्यादातर उन लोगों को होती है, जो टाइट जूते पहने हैं और कम्युनिटी बाध और स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल करते हैं। यह माइक्रोस्कोपिक फंगस की वजह से होती है। यह फंगस बालों के मृत ऊतकों, पैरों के नाखून और त्वचा की बाहरी परत में होती है।

डायग्नोस कैसे करें: सभी खारिशवाले पैर एथलीट फुट नहीं होते। इसे डायग्नोस करने के लिए डॉक्टर स्किन के टुकड़े की माइक्रोस्कोप में जांच कर फंगस होने की पुष्टि करते हैं।

रिंगवर्म या दाद ( fungal infuction )

इस fungal infection को टिनिया कोरपोरिस कहते हैं। यह शरीर में कहीं पर भी गोल, लाल छल्ले के रूप में निकल सकता है। इनके बाहर का हिस्सा थोड़ा उठा होता है और बीच का हिस्सा सामान्य होता है। इसमें बहुत खुजली और जलन होती है। छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। त्वचा लाल रंग की मोटी चकत्तेदार हो जाती है। जननांगों में उस हिस्से के पास जहां पसीना आता है व जहां पर कपड़े से ज्यादा रगड़ लगती है, वहां पर ज्यादातर होता है।

क्या यह संक्रामक है : संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर रिंगवर्म फैल सकता है। गरमी और नमी के वातावरण में यह और तेजी से फैलता है।

डायग्नोस : डॉक्टर चकत्ते के आकार और लक्षणों को ध्यान में रख कर इसे डायग्नोस करते हैं। संक्रमित त्वचा के एक छोटे से हिस्से को निकाल कर माइक्रोस्कोपिक जांच से इसकी पुष्टि करते हैं। इलाज एंटी फंगल दवाओं से रिंगवर्म का इलाज किया जाता है। एंटी फंगल क्रीम लगाने से भी आराम मिलता है। गंभीर मामलों में खाने के लिए दवाएं दी जाती हैं।

यीस्ट इन्फेक्शन yeast fungal infection

त्वचा में यीस्ट इन्फेक्शन को क्यूटेनियस कैंडिडाइसिस कहते हैं और यह फंगस की तरह की यीस्ट, जिसे कैंडीडा कहते हैं, से होता है। जब यीस्ट त्वचा पर बहुत तेजी से पनपती है, तो लाल, पपड़ीदार और खुजलीवाले रैशेज त्वचा पर निकल आते हैं। यह संक्रामक रोग है। यह इन्फेक्शन त्वचा के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर शरीर के गरम, नमी व क्रीजवाले हिस्सों में होता है। जो लोग एंटीबायोटिक्स लेते हैं, उन्हें भी यह इन्फेक्शन हो सकता है। कैंडीडा से डाइपर रैश (बच्चों में), नाखून का इन्फेक्शन, मुंह में ओरल भ्रश व वेजाइना में वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है।

लक्षण : चकत्ते निकल आते हैं, जिनमें से फ्लुइड निकलता है। पिंपल की तरह के दाने निकल आते हैं और खारिश या जलन होती है। नाखूनों में यीस्ट इन्फेक्शन होने पर उनमें सूजन, दर्द और पस बनती है। सफेद या पीले नाखून स्किन (नेल बेड) से अलग हो जाते हैं। माउथ भ्रश होने पर जीभ और गाल के अंदर के हिस्से पर सफेद पैच बन जाते हैं और दर्द होता है। वेजानइल यीस्ट इन्फेक्शन में वेजाइना से पीला या सफेद रंग का डिस्चार्ज निकलता है, खारिश व जलन होती है और वेजाइना के बाहर का हिस्सा लाल हो जाता है।

डायग्नोस डॉक्टर रोगी की जांच करने के साथ-साथ त्वचा की माइक्रोस्कोपिक जांच करते हैं।

इलाज : डॉक्टर स्किन यीस्ट इन्फेक्शन में क्रीम लगाने को देते हैं।

● वेजाइनल इन्फेक्शन होने पर सपोसिटोरीज लगाने के लिए दी जाती है।

● माउथ थ्रैश में खास तरह के माउथ वॉश के इस्तेमाल से यह दूर हो जाता है।
● गंभीर रूप से इन्फेक्शन होने पर एंटी योस्ट दवाएं खाने के लिए दी जाती हैं।

नेचर क्योर

• नीम, हल्दी और मुलतानी मिट्टी को मिला कर हाथ और पैरों की उंगलियों में फंगल इन्फेक्शन वाली जगह पर लगाएं। जब यह सूख जाए, तो इस हिस्से को गुनगुने पानी से साफ करें। इसमें अच्छी तरह हवा लगने दें, जिससे यह सूख जाए। सरदियां हैं, तो हाथ गैस के ऊपर या इन्फ्रारेड लाइट में सुखाएं। इसके बाद नारियल का तेल लगाएं।

• अगर इन्फेक्शन बगलों में ब्रेस्ट के नीचे के हिस्से में या वेजाइना में है, तो नीम के पानी से उस हिस्से को अच्छी तरह से धो कर सुखा लें और फिर नारियल तेल लगाएं।

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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