Piles : पाइल्स पीड़ित ध्यान दें

       बवासीर यानी पाइल्स ( Piles ) आज एक सामान्य रोग हो गया है। 40 से 50 प्रतिशत लोगों में यह रोग मिलता है। बवासीर होने का सबसे प्रमुख कारण लम्बे समय तक कब्ज रहना है इस कारण के बिना बवासीर (Piles) होने की संभावना बहुत कम रहती है, लेकिन कभी-कभी मलाशय को नसों के रक्त प्रवाह में बाघा पड़ती है तो वे कमजोर हो जाती हैं। आँतों के निचले हिस्से में भोजन के अवशोषित अंश अथवा मल के दबाव से वहाँ की धमनियाँ चपटी हो जाती हैं तथा झिल्लियों फैल जाती है जिस कारण से भी बवासीर हो जाती है।

पाइल्स होने के अन्य कारण ( Piles reasons )

         कड़वे, कैसेले, चटपटे, सूखे, ठण्डे भोजन करने से, शराब पीने से अधिक व्यायाम करने से, धूप तथा हवा में अधिक घूमने से, दिन में सोने से अथवा आरामदायक जीवन यापन करने से, गद्देदार वाले आसन पर ज्यादा देर बैठने से, मिर्च-मसाले, नमकीन, चटपटी वस्तुओं का अधिक मात्रा में सेवन, कटहल, बैंगन, अरबी उड़द एवं मसूर का अधिक सेवन करने तथा बार-बार कब्ज तोड़ने वाली औषधियों का सेवन करना बवासीर ( Piles ) के मुख्य कारण हैं। कई व्यक्तियों को उपवास रखने से भी कब्ज हो जाता है। अतः ऐसे व्यक्तियों को उपवास नहीं रखना चाहिए।

बवासीर piles से बचने के उपायों में ऊपर बताए गए सभी कारणों से बचना चाहिए। कब्ज ना रहने दें, प्रातःकाल शुद्ध में, सायंकाल भोजन के पश्चात् टहलना चाहिए। गुदा को साफ रखें और कभी-कभी घी या तेल भी लगाएँ। भोजन शुद्ध, सात्विक व समय पर करना चाहिए। भोजन में दही, चाछ, सब्जियाँ, सलाद आदि का प्रयोग करें। अधिक चिकनाई युक्त भोजन, गोश्त, बैंगन, करमकल्ला, अरबी, मसूर और कद्दू आदि वायु पैदा करने वाली वस्तुओं के सेवन से बचना चाहिए। धूम्रपान, चाय, कॉफी के सेवन से बचना चाहिए।

कुछ घरेलू उपाय Home remedies for piles –

  • सबसे प्रारंभिक और कारगर उपचार है स्वमूत्र से गुदा को धोना, सुबह-शाम शौच के समय एक मग या डिब्बे में अपना स्वमूत्र रख लेना चाहिए और शौच से निवृत्त होने के बाद गुदा को अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
  • शौच के प्रयोग किए जाने वाले पानी में थोड़ी से फिटकरी व एक-दो कण लाल दवा के डाल दें। इस पानी से गुदा धोने से मस्से जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  • दोपहर भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीना लाभप्रद रहता है या भुना हुआ जीरा डालकर पिएं
  • सोते समय आँवले का चूर्ण शहद के साथ या ईसबगोल की भूसी दूध के साथ लेना चाहिए।
  • एक मुनक्का बीज सहित और एक काली मिर्च सुबह खाली पेट चबा-चबाकर खाएँ।
  • खूनी बवासीर में नारियल की जली हुई जटा में बुरा डालकर 10-10 ग्राम की फंकी पानी के साथ लें।
  • मस्सों पर भीगा ठंडा कपड़ा या रूई का फोहा या बर्फ का टुकड़ा रखने पर जलन से तत्काल राहत मिलती है।
  • सरसों के तेल या जात्यादि तैल या कासीसादी तैल में अंगुली दूबोकर मस्सों पर लगाएँ और थोड़ा तेल सिरिंज (बिना सूई के) से गुदा के अन्दर पहुंचाएँ इस उपाय को करने से में तुरन्त आराम मिलता है। दर्द भी धीरे धीरे कम हो जाता है। सप्ताह में दो बार यह उपाय करें।
  • रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगो दें और प्रात:काल पानी सहित जिसमें उसको भिगोया है खा लें।
  • सोते समय केले खाएँ।
  • आधा कप प्याज के रस में एक चम्मच देसी घी और दो चाय के चम्मच चीनी डालकर सुबह-शाम लें।
  • आधा गिलास पानी में जीरा, सौंफ धनिये के बीज प्रत्येक एक चाय का चम्मच लेकर उबालें और उबलते उबलते आधा रह जाये तो इसे छान लें। इसमें एक चम्मच देसी घी मिलाएँ और प्रतिदिन दिन में दो बार लें।
  • मैथी के कोमल पत्तों का साग खाने से भी बवासीर में लाभ होता है।
  • कच्ची मूली खाने से बवासीर से गिरने वाला खून बंद हो जाता है। एक कप मूली का रस एक चम्मच देसी भी में मिलाकर सुबह-शाम पिएँ।
  • काफी लम्बे समय तक ना खड़े हो ना भूमें, ऐसा करने से नसों में रक्त का दबाव कम हो जायेगा और ऐसा होने से मस्सों का बाहर निकलना कम हो जायेगा और वे ठीक हो जाएँगे।
  • खूब पानी पिएँ. ऐसा आहार लें जिनमें निम्न वस्तुएँ शामिल हों- जैसे खरबूजा, पपीता, घर की रोटी, मलाई उतारा हुआ दूध, सब्जियाँ, पत्ता गोभी, हरे पत्तों की साग, मेवे, काले मुनक्के, अंजीर, साबूत यदि आपका वजन अधिक हो तो कम करें।

shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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