Stay fit and fine like this at home घर में ऐसे रहें फिट & फाइन

घर पर रहने से लगभग सभी का वजन बढ़ा है, लेकिन इस दौर ने सेहत को ले कर जागरूकता भी बढ़ायी है। जानिए पूरी फैमिली कैसे रहे fit and fine कोविड के शुरुआती दौर को लोगों ने किसी छुट्टी की तरह देखा लगता था कि बस कुछ समय की बात है, बरसों बाद मिले फुरसत के पलों को बेवजह की चिंताओं में भला क्या खर्च करना, खाओ-मस्त रहो। लोगों ने नयाँ नयी रेसिपीज ट्राई की, किचन को प्रयोगशाला बना दिया, इसके बाद वजन में इजाफा तो होना ही था। लोग घर में थे, आउटडोर एक्टिविटीज कम हो गयी, लिहाजा शरीर की कैलोरी खर्च नहीं हो सकी। दूसरे लॉकडाउन ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। लोगों में तनाव, बेचैनी और दबाव बढ़ा, लेकिन साथ ही उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली और व्यायाम के महत्व को भी समझा। स्थितियों को देखते हुए यही लगता है कि अब इस इस न्यू नॉर्मल जीवनशैली में जीने की आदत डालनी होगी। घर में रहते हुए खुश स्वस्थ और सक्रिय रहना होगा।

व्यायाम के द्वारा खुद को रखें Fit and fine

अभी के समय में घर के हर सदस्य के लिए व्यायाम जरूरी है। इसकी वजह यह है कि आउटडोर एक्टिविटीज कम हो गयी हैं। इसके लिए जरूरी है कि व्यायाम का एक समय सुनिश्चित करें। कुछ व्यायाम साथ में, तो कुछ अलग-अलग कर सकते हैं। कुछ नियमों का पालन करना जरूरी हैं

30 मिनट से ज्यादा देर तक ना बैठें : कोई भी व्यायाम कारगर नहीं होगा, अगर आप लगातार देर तक बैठे रहेंगे। स्वस्थ रहने का एक नियम यह है कि एक पोजिशन में आधे घंटे से अधिक देर तक न बैठे अपना अलार्म सेट करें और आधा घंटा होते ही उठ कर 2-3 मिनट टहल से ऑनलाइन मीटिंग और क्लास खत्म होते ही कुछ देर के लिए उठ जाएं।

जोड़ों को घुमाएं : दिन में कम से कम दो बार गरदन से पैर तक सभी मुख्य जोड़ों को 10-10 की गिनती पर रोटेट करें या घुमाएं। हालांकि देखने में ये व्यायाम हल्के लगते हैं, लेकिन सही ढंग से किया जाए, तो इनका एक चक्र पूरा होने के बाद व्यक्ति को पसीना आने लगता है। बुजुर्ग बैठे-बैठे भी हाथ पैर, गरदन या सिर का मूवमेंट कर सकते हैं। इससे जोड़ सक्रिय रहेंगे और कई तरह के दर्द से दूर रहेंगे। जोड़ों का मूवमेंट ऐसे कर सकते हैं

  1. गरदन को धीरे-धीरे 10 बार दाएं और 10 बार बाएं घुमाएं। हड़बड़ी ना करें, अन्यथा कैंप आ सकता है। अगर कोई दर्द है, तो ऐसा ना करें।
  2. कंधे को 10 बार दाएं और 10 बार बाएं घुमाएं। • अब दोनों बांहों को साथ-साथ या एक-एक कर 10 बार आगे व 10 बार पीछे घुमाएं।
  3. दोनों हाथों को सामने की ओर सीधा करके मुद्री बंद करें कलाइयों को अंदर-बाहर घुमाएं।
    4.हाथों की कमर पर रखें और कमर को 10 बार दायों और 10 बार बायीं ओर घुमाएं।
  4. कुर्सी पर बैठ कर हाथों को घुटनों पर रखें और घुटनों को दाएं व बाएं घुमाएं।
  5. सोधे खड़े हों। कुर्सी या दीवार का सहारा ले सकते हैं। अब एक पैर को शरीर की सीध में आगे की ओर ले जाएं, फिर पूर्व अवस्था में लौटें। दूसरे पैर से भी ऐसा करें पोस्चर ठीक रहे।

एडियों पर चलें : अगर आप स्वस्थ हैं और कोई समस्या नहीं है, तो कुछ देर एड़ियों के बल चलने की प्रैक्टिस करें घर में लगातार बैठने से कई बार पैरों का रक्तसंचार प्रभावित होता है। कई लोगों को पैरों में सूजन या खिंचाव का अनुभव भी होता है। एड़ियों के बल चलने से पैरों में होनेवाले खिचाव में लाभ होगा। बच्चे इसे मजे से करेंगे, लेकिन बुजुर्गों को इससे बचना चाहिए। कमर, पीठ या घुटनों में दर्द जैसी समस्या है, तो ना करें। लगातार 10 मिनट से ज्यादा देर तक भी इसे ना करें।

मोमबत्ती बुझाना : यह मजेदार व्यायाम है। मोमबत्ती जला कर एक निश्चित दूरी पर रखें और फूंक मार कर बुझाएं धीरे-धीरे मोमबत्ती से दूरी बढ़ाते रहें और इसे बुझाने की कोशिश करें। इससे फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। कोविड से स्वस्थ हुए लोगों को इस व्यायाम से बहुत लाभ होगा। बच्चे इसे बड़ों की निगरानी में ही करें।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज : सही ढंग से सांस लेना श्वसन तंत्र के लिए लाभदायक है। इसके लिए सुबह 5 मिनट कपालभाति प्राणायाम किया जा सकता है। पद्मासन पर बैठ कर 10 की गिनती में सांस भरना और फिर उतनी ही बार सांस छोड़ना लाभदायक है। फेफड़ों की क्षमता के अनुसार गिनती तेज या धीरे करें। कोविड से रिकवर हुए लोगों के लिए तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज बहुत जरूरी हैं।

ताली बजाना : इससे रक्तसंचार बढ़िया होता है। बच्चों और बुजुर्ग, दोनों को इसमें मजा आता है। एक जगह खड़े हो जाएं या फिर बैठ कर थोड़े-थोड़े अंतराल पर ताली बजाएं। हालांकि घर या बाहर किसी को आवाज से दिक्कत हो, तो इसे ना करें। स्पॉट जंपिंग: एक ही जगह धीरे-धीरे कूद सकते हैं। ध्यान दें कि अपनी जगह से इधर-उधर नहीं होना है। इसे भी 10 मिनट तक किया जा सकता है।

स्पॉट जॉगिंग : बालकनी, छत या बरामदे में स्पॉट जॉगिंग कर सकते हैं। खुली खिड़की या हवा की आवाजाहीवाली जगह पर रोज सुबह एक समय पर अपनी क्षमता के हिसाब से जॉगिंग करें।

डांस करें: म्यूजिक लगाएं और डांस करें। कुछ देर संगीत की धुन पर थिरकना ऊर्जा से भर देता है।

डिस्क्लेमर: कोविड से उबरे मरीज व्यायाम के साथ ही अपनी मानसिक स्थिति के लिए भी थेरैपी ले सकते हैं। कोई भी व्यायाम धीरे-धीरे शुरू करें और जब शरीर अभ्यस्त होने लगे, तब इसे बढ़ाएं। समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

खानपान हो पौष्टिक

कोरोना काल में यह जरूरी है कि घर का हर सदस्य स्वस्थ रहे। इसके लिए सबसे ज्यादा ध्यान खानपान का रखना होगा। इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, वसंत कुंज, नयी दिल्ली की सीनियर डाइटीशियन हिमांशी शर्मा कहती हैं, कोरोना काल में सबसे ज्यादा वजन संबंधी समस्याएं बच्चों और टीनएजर्स में देखने को मिली हैं। ऑनलाइन क्लासेज के दौरान बच्चे लगातार देर तक बैठे रहते हैं और घर पर होने के कारण खाने में भी बहुत ध्यान नहीं रख पाते। खेलकूद और व्यायाम कम होने से उनका वजन बढ़ रहा है। इसके लिए उनके भोजन को पौष्टिक और संतुलित रखना होगा। उनके लिए दूध और अंडों का सेवन करना जरूरी है। दूध में बढ़ती उम्र के हिसाब से जरूरी कैल्शियम होता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही दूध में विटामिन ए, बी2, और बी 12 भी होते हैं, जिससे शरीर का बेहतर विकास होता है। वे अगर सादा दूध पीने में आनकानी करें, तो उन्हें मिल्क शेक, आल्मंड शेक, वॉलनट शेक और चॉकलेट शेक आदि भी बना कर दे सकते हैं। इसी तरह अंडे में भरपूर प्रोटीन के साथ ही विटामिन डी, फैट और आयरन भी होता है। अंडा किसी भी रूप में उनके लिए फायदेमंद है और ज्यादातर बच्चों को पसंद आता है। इसके अलावा बच्चों को हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे गाजर, शिमला मिर्च, गोभी, भिंडी, करेला, बोन्स आदि भी दें। बच्चों को अकसर सब्जी पसंद नहीं आती, ऐसे में सब्जियां आटे में मिला कर परांठा बना लें या फिर सब्जियों का स्टफ्ड परांठा बना लें। नूडल्स, वेज कटलेट, मिक्स्ड वेजिटेबल सूप में भी सब्जियां मिला सकती हैं। स्नैक्स टाइम में उन्हें गरम दूध और सूखे मेवे दें। जंक फूड से बच्चों को दूर रखें। उन्हें मौसमी फल खाने को जरूर दें।

सबसे ज्यादा खुद को उपेक्षित महिलाएं रखती हैं। वर्क फ्रॉम होम में काम की मार भी महिलाओं पर अधिक पड़ी, चाहे वे कामकाजी हों या होम मैनेजर्स परिवार का हर सदस्य घर पर रहा, बच्चों की भी पढ़ाई ऑनलाइन ही हुई, जिससे महिलाओं का काम बढ़ा और उन्होंने खुद पर कम ध्यान दिया। कई महिलाओं का वजन इस बीच तेजी से बढ़ा और उन्हें कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ा है। हिमांशी शर्मा कहती हैं कि खासतौर पर 40 के आसपास उम्रवाली महिलाओं को अपना खयाल रखने की जरूरत है, क्योंकि इस उम्र में शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। पाचन क्रिया सुस्त हो जाती है और हड्डियों से जुड़ी तकलीफें भी शुरू होती हैं। अभी बाहर की गतिविधियां सोमित हैं, ऐसे में उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। जैसे दिनभर में 2-3 चम्मच चीनी, 5 ग्राम नमक, 3 बड़े चम्मच तेल-घो 3 कप चाय से ज्यादा बिलकुल ना लें। दिन में एक बार मुट्ठीभर सूखे मेवे और सीड्स जरूर लें। मैदे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, टोस्ट आदि हफ्ते में एक बार से अधिक ना लें। फास्ट फूड भी 15 दिन में एक बार से ज्यादा ना लें।

इसी तरह अगर घर में बड़े-बुजुर्ग हैं, तो उनके भोजन में तरल पदार्थों की मात्रा अधिक रखें। उनके लिए घर में ही हल्के-फुल्के व्यायाम और योग की व्यवस्था बनाएं। उनके आहार में दलिया, सूप, फ्रूट जूस, सब्जियां, दाल, नारियल पानी, खिचड़ी अधिक रहे। डॉक्टर की सलाह से उन्हें कुछ सप्लीमेंट्स भी दे सकते हैं।

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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