High blood pressure : उच्च रक्तचाप नियंत्रित करें स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर

मनुष्य जीवन बड़ा ही अनमोल है, किंतु तनाव पूर्ण जिंदगी, अनियमित जीवनचर्या व खानपान की गलत आदत व्यक्ति को high blood pressure उच्च रक्तचाप का शिकार बनाती है। उच्च रक्तचाप blood pressure का रोग मानव समाज में एक सामान्य रोग के रूप में प्रचलित हो गया है।

वर्तमान समय में युवाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण उच्च रक्तचाप ही है। आखिर हमारा मानव समाज उच्च रक्तचाप का शिकार क्यों हो रहा है ? पुराने समय में व्यक्ति उच्च रक्तचाप का शिकार नहीं होता था, किंतु आज हर दूसरा तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप व हृदय संबंधी रोगों का शिकार क्यों हो रहा है

वास्तव में उच्च रक्तचाप गलत आधुनिक जीवन शैली जीने का परिणाम है असन्तुलित आहार, तनावपूर्ण जिन्दगी, वसा युक्त आहार का सेवन, व्यायाम का अभाव, मोटापा व अन्य सामाजिक व शारीरिक कारण व्यक्ति को high blood pressure का शिकार बना देते हैं। वर्तमान समय में युवा अवस्था में ही व्यक्ति इस रोग का शिकार हो जाता है। वर्तमान समय में जीवन बहुत ही प्रतिस्पर्धी व कठिन हो गया है। व्यक्ति का बचपन पवई-लिखाई व जवानी व्यापार व नौकरी में ठिन जीवन जीते बीत जाती है और व्यक्ति की थमिकता स्वास्थ्य होती ही नहीं है। कार्य की अत्यधिक व्यस्तता और अनमोल शरीर के प्रति लापरवाही की वजह से व्यक्ति अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाता है और ऐसी जिंदगी जीते हुए वह अत्यधिक तनाव का शिकार हो जाता है, निरंतर अत्यधिक तनाव के शिकार होने की वजह से पर्याप्त विश्राम नहीं करने की वजह सेव गलत आहार सेवन करने के कारण उच्च रक्तचाप high blood pressure का शिकार हो जाता है और कुछ समय बाद हृदयाघात का शिकार हो जाता है। इस वजह से वर्तमान समय में बड़ी संख्या में युवा असमय ही मौत के शिकार हो जाते हैं।

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High blood pressure गलत आहार पद्धति

वर्तमान समय में आहार में अत्यधिक परिवर्तन हो गया है। आहार में गरिष्ठ आहार का सेवन व व्यायाम के अभाव में व्यक्ति के रक्त में वसा की मात्रा बढ़ती जाती है। गलत आहार के सेवन व कम पानी के सेवन के कारण व्यक्ति कब्ज का शिकार हो जाता है। कब्ज के शिकार होने की वजह से सम्पूर्ण शरीर के दूषित होने के साथ साथ हृदय का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

यदि व्यक्ति को शरीर व हृदय के बारे में जानकारी होगी कि उसे कौन सा आहार सेवन करना चाहिए, उसे कैसी जीवन शैली जीना चाहिए ताकि हम high blood pressure से मुक्त रह सकते हैं।

स्वस्थ हृदय जीवन का आधार है

यदि व्यक्ति का हृदय स्वस्थ है तो व्यक्ति कभी उच्च रक्तचाप का शिकार होगा ही नहीं हृदय हमारे सम्पूर्ण शरीर को 24 घण्टे सतत रक्त का संचार करता है। यदि हृदय को स्वस्थ रखना है तो हृदय की कोरोनरी धमनियों को प्राणवायु अर्थात शुद्ध आक्सीजन व आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहे तो हृदय कभी अस्वस्थ नहीं होगा तो व्यक्ति कभी उच्च रक्तचाप High blood pressure का शिकार ही नहीं होगा।

हृदय रचना-

मनुष्य का हृदय मुट्ठी के आकार का होता है। हृदय प्रति मिनिट 75 बार रक्त को पम्प करता है। हृदय की प्रत्येक धड़कन के साथ 80 सी. सी. रक्त शरीर की रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। हृदय एक मिनिट में 5000 सी. सी. रक्त का संचार रक्त वाहिनियों के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर में प्रवाहित करता है।

हृदय का कार्य भोजन के माध्यम से रक्त को प्राप्त पोषक तत्वों को फेफड़ों से रक्त के शुद्धिकरण होने के पश्चात सम्पूर्ण शरीर के अंगों को प्रदान कर उन्हें ऊर्जा प्रदान करना है।

आखिर रक्त को शुद्ध व शक्तिशाली कैसे बनाये

जितना रक्त हमारा शुद्ध व स्वस्थ होगा उतना ही व्यक्ति High blood pressure से मुक्त होगा। रक्त को स्वस्थ व शुद्ध बनाने का कार्य फेफडे, गुर्द व त्वचा करते हैं। हम यहां जानेंगे कि कैसे फेफड़े, गुर्द व त्वचा को कार्य सक्षम बनाकर कैसे रक्त को स्वस्थ व निरोगी बना सकते हैं जिससे सम्पूर्ण शरीर को शुद्ध रक्त की आपूर्ति हो सके।

फेफड़े को कार्यसक्षम बनाये

फेफड़े हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। फेफड़े भी 24 घण्टे सतत कार्य करते रहते हैं। यदि फेफड़ों को निरंतर शुद्ध आक्सीजन मिलता रहे तो निश्चित ही शरीर को सतत आक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त होगा। शुद्ध व सतत आक्सीजन के प्रवाह के लिये हमें प्रयास करना होगा कि हमारा ज्यादा से ज्यादा समय शुद्ध वायु के सम्पर्क में बीते। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये सुबह जल्दी उठकर टहलना, योग, प्राणायाम, श्वास की क्रियाएं व अन्य शारीरिक गतिविधि को अपनी जीवनचर्या का अंग बनाना चाहिए। ताकि शरीर को प्रातः काल विभिन्न शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से भरपूर ऑक्सीजन युक्त रक्त मिले व शारीरिक अभ्यासों के माध्यम से शरीर की रक्त वाहिनियां लचीली हो । रक्त वाहिनियों के लचीला होने से रक्त प्रवाह blood pressure आसान होता है।

इसके साथ ही अपने सोने के कमरे को भी आक्सीजन के प्रवाह से परिपूर्ण रखना होगा जिससे हमारे फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन निरंतर मिल सके और हमारा रक्त ऑक्सीजन युक्त हो सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ हो ।

त्वचा को कैसे कार्यसक्षम बनाये –

त्वचा हमारे शरीर का आईना है। स्वस्थ व सुंदर त्वचा हमारे स्वास्थ्य का निर्धारण करती है। इसके साथ ही त्वचा क्षेत्रफल के हिसाब से शरीर का सबसे बड़ा अंग है। यदि हम त्वचा को स्वस्थ व निरोगी बनाते हैं तो हमारा रक्त स्वतः ही तेज गति के साथ सम्पूर्ण शरीर में आसानी से प्रवाहित होगा व हम High blood pressure से सुरक्षित रहेंगे।

मनुष्य शरीर का दो तिहाई रक्त त्वचा पर ही होता है। यदि हम त्वचा पर स्नान के बाद नियमित रूप से घर्षण स्नान करते हैं तो त्वचा की सक्रियता में वृद्धि होती है और त्वचा की सक्रियता बढ़ने से रक्त संचार स्वतः ही तेज हो जाता है।

इसके साथ ही त्वचा पर रक्त वाहिनियों में रक्त प्रवाह आसानी से हो इस हेतु उनका लचीला होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि लचीली रक्त वाहिनियों में रक्त का प्रवाह आसानी से होगा तो हृदय को रक्त प्रवाह के लिये अतिरिक्त कार्य नहीं करना पड़ेगा। इसलिये स्नान के बाद चेहरे को छोड़कर पतले टावेल से सम्पूर्ण शरीर को रगड़ना चाहिए।

गुर्दे को कैसे कार्यसक्षम बनाये गुर्दे

हमारे शरीर के अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। प्रायः मनुष्य इसकी सेहत के प्रति चिंता ही नहीं रखता है। प्रायः व्यक्ति को ज्ञान ही नहीं होता है कि उसे गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिये क्या करना चाहिए इसके साथ ही वह आहार में नियमित रूप से गलती करते जाता है जिससे कुछ वर्षों बाद गुर्दा के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

उच्च रक्तचाप के प्रकरणों में देखा गया है कि व्यक्ति बहुत ही कम मात्रा में पानी का सेवन करता है। रक्त को पतला कौन करता है ? रक्त को पतला पानी करता है, और यदि हम पानी का ही सेवन नहीं करेंगे तो कैसे रक्त पतला होगा व कैसे गुर्द रक्त को अच्छी तरह से साफ कर पायेंगे । गुर्दे सम्पूर्ण शरीर के रक्त को प्रत्येक घण्टे में 2 बार साफ करते है। इसलिये गुर्दा को स्वस्थ रखने के लिये पर्याप्त मात्रा में व सही विधि से पानी का सेवन करना चाहिए। 24 घंटे में 2-3 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। भोजन के 1 घण्टा पहले व 1 घण्टा बाद पानी का सेवन किया जाना चाहिए, भोजन के दौरान 1/2 ग्लास पानी का सेवन किया जा सकता है।

अत्यधिक खाना या अत्यधिक आहार का सेवन करना व अत्यधिक व्यायाम करना, पर्याप्त नींद नहीं लेना रक्तचाप को बढ़ाते हैं।

शराब, गुटखा, अत्यधिक नमक का सेवन व अन्य मादक पदार्थों का सेवन गुर्दा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। इसके साथ ही लम्बे समय तक अत्यधिक बढ़ा हुआ रक्तचाप भी गुर्दा को क्षति ग्रस्त करता है।

आखिर रक्तचाप क्या होता है

  • हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त का प्रवाह निरन्तर होता रहता है। रक्त का दबाव यदि 120/80 पर रहता है तो रक्तचाप सामान्य अवस्था में रहता है, यदि इसकी सीमा इससे अधिक होती है तो वह अवस्था उच्च रक्तचाप की अवस्था कहलाती है। यदिव्यक्ति का रक्तचाप 140/90 हो जाता है तो व्यक्ति High blood pressure की श्रेणी में आ जाता है। शरीर में रक्त के प्रवाह होने से रक्त नलिकाओं पर दबाव पड़ता है और यही दबाव रक्तचाप कहलाता है।
  • सामान्य तौर पर व्यक्ति को रक्तचाप बढ़ने का अहसास ही नहीं होता है, इसलिये उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर कहते हैं। क्योंकि उच्च रक्तचाप लम्बे समय तक रहने से व्यक्ति असमय हृदयाघात का शिकार हो जाता है। इसलिये व्यक्ति को 30 वर्ष के बाद निश्चित तौर पर प्रत्येक 6 माह में अपने blood pressure की जांच अवश्य करवाना चाहिए। यदि व्यक्ति मोटापे का शिकार है या परिवार में माता पिता भी High blood pressure के शिकार है तो जांच बहुत जरूरी हो जाती है

उच्च रक्तचाप होने के सामान्य लक्षण

उच्च रक्तचाप होने पर सिरदर्द का बने रहना. चक्कर आना, आंखों का भारीपन, कमजोरी, थकान, अत्यधिक क्रोध आना व अन्य लक्षण शरीर में बने रहते हैं। यदि लक्षणों के आधार पर ध्यान रख लिया जाय तो हृदय रोग के साथ साथ गुर्दों के रोग व मस्तिष्क को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

वे कौन से कारण है जिसकी वजह से मनुष्य उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकता है

मोटापा एक खतरनाक रोग मोटापा

उच्च रक्तचाप का कारण बनता है। क्योंकि सामान्य वजन से अधिक वजन होने से हृदय को अधिक क्षेत्रफल में रक्त का संचार करना पड़ता है। क्योंकि प्रत्येक 1 किलो अधिक वजन के लिये हृदय को 50 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है तो सोचिये यदि व्यक्ति का वजन 10 किलो भी अधिक है तो उसके हृदय को प्रत्येक घंटे 500 किलोमीटर अधिक रास्ता तय करके शरीर के अंगों को रक्त का प्रवाह करना पड़ेगा और ऐसी अवस्था में क्या हृदय स्वस्थ रह पायेगा इसलिये अत्यधिक मोटापा आजकल जानलेवा सिद्ध हो रहा है।

हम मोटे है यह कैसे जाने-

जितनी व्यक्ति की ऊंचाई होती है उसे इच में बदले जैसे एक व्यक्ति की लम्बाई 5 फीट 6 इंच है तो यह .66 इंच उचाई होगी। अर्थात व्यक्ति का वजन .66 किलो से 5 किलो अधिक या 5 किलो कम हो सकता है अर्थात व्यक्ति का वजन 71 या 61 किलो होना चाहिए। इससे अधिक वजन वाले व्यक्ति मोटापे की श्रेणी में आते हैं।

संयमित जीवन शैली द्वारा मोटापा कम करे

मोटापे को कम करने के लिये आहार पर संयम व व्यायाम को अपने जीवन में स्थान देना होगा। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये योग, प्राणायाम, ध्यान व नियमित रूप से टहलने को अपने जीवन में स्थान देते हुए वजन को नियंत्रित रखना होगा।

परिवार का योगदान

उच्च रक्तचाप high blood pressure को नियंत्रित रखने के लिये परिवार के योगदान की बहुत आवश्यकता है। यदि परिवार में प्रेम व सौहार्द व शांति का वातावरण है तो व्यक्ति प्रसन्न रहता है। इसके साथ ही परिवार में ऐसे आहार के निर्माण पर जोर होना चाहिए कि आहार स्वाद के साथ साथ स्वास्थ्य व पोषण प्रदान करने वाला होना चाहिए। क्योंकि हमारे स्वास्थ्य का निर्माण व पतन रसोईघर से ही होता है। यदि परिवार में स्वस्थ आहार बनाने की उचित परम्परा है, अर्थात घर में फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज व सूखे मेवों का उचित प्रयोग होता है तो आहार स्वाद के साथ साथ स्वास्थ्य को भी उचित दिशा प्रदान करेगा।

प्रायः यह देखा गया है कि जिन घरों में अत्यधिक गरिष्ठ व मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है उस परिवार में स्वस्थ व्यक्ति बहुत मुश्किल से पाये जाते हैं। ऐसे परिवार में यदि आहार में चोकरयुक्त आटे की चपाती, पर्याप्त ताजी हरी सब्जियां, छिलके वाली दालें, सलाद व उचित मात्रा में मिर्च मसालों का सेवन होगा तो कोई कारण नहीं कि परिवार के सदस्य मोटापे व उच्च रक्तचाप से ग्रसित हो पाएं।

आहार में पर्याप्त मौसमी फल व सब्जियों को शामिल करें-

आम तौर पर प्रति व्यक्ति दिन भर में 450 ग्राम फल / सब्जी/ अंकुरित अनाज का सेवन कर अपने आप को व परिवार को स्वस्थ रख सकता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये फल, फलों का रस, सब्जियों का रस, सूप, चटनी, सलाद, अंकुरित अन्न व अन्य आहार का सेवन कर इस लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है। यदि हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में फल, सब्जियां व अंकुरित अनाज शामिल है तो हमारा रक्त क्षारीय होगा जिससे हमारी रक्त वाहिनियां भी लचीली होगी जिससे रक्त वाहिनियों में रक्त का प्रवाह सुगम होगा व हम high blood pressure के शिकार भी नहीं होंगे। यदि उच्च रक्तचाप के शिकार हो भी गये है तो उस पर नियंत्रण पा सकेंगे।

खट्टे फल व सब्जियों का सेवन अवश्य करें-

खट्टे फलों अंगुर, अमरुद, संतरा, मौसम्बी, नींबू का नियमित प्रयोग सम्पूर्ण शरीर को लचीला व विकारमुक्त बनाता है साथ ही रक्त वाहिनियों को लचीला बनाता है जिससे उनमें रक्त का संचार आसान होता है और हृदय अपना कार्य आसानी से कर पाता है। इसलिये प्रत्येक मौसम में आने वाले व शरीर को अनुकूल लगने वाले खट्टे फलों व सब्जियों नियमित रूप से करना चाहिए। पर्याप्त सेवन

इसके साथ ही आहार में पर्याप्त रेशेदार खाद्य पदार्थ, ब्राउन राईस, अंकुरित अनाज, अखरोट, हरी सब्जियां, लोकी, गिलकी, गवार फली, टमाटर, गाजर, लहसुन, प्याज व अन्य मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

मानसिक तनाव

मानसिक तनाव व्यक्ति के जीवन में बचपन से ही प्रवेश कर गया है। अत्यधिक व अपने शारीरिक सामर्थ्य से अधिक पाने की चाहत ने व्यक्ति को तनाव से भर दिया है। लम्बे समय तक तनाव रहने की वजह से हमारी रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती है।

क्रोध व भय-

अत्यधिक क्रोध, भय, लालच, जोर से चिल्लाना, अहंकार व अन्य मानसिक विकार व्यक्ति के हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इन विकारों की वजह से हृदय को अत्यधिक कार्य करना पड़ता है और वह असमय ही बीमार हो जाता है। प्रायः हम देखते हैं कि जब हम किसी दुर्घटना से बच जाते हैं तो हमारा हृदय कितना तेज गति से धड़कता है। यही स्थिति क्रोध, भय, लालच व जोर से चिल्लाने से होती है। धीमे स्वर में बात करें व क्रोध को शांत करें।

हम परमात्मा का काम भी स्वयं करना चाहते हैं। अत्यधिक धन पाने की चाहत ने मनुष्य को तनाव का शिकार बना दिया है। तनाव की वजह से व्यक्ति पाचन संबंधी रोगों का शिकार हो जाता है जिससे उसकी पाचन प्रणाली तो प्रभावित होती ही है साथ ही तनाव की वजह से रक्त वाहिनियां भी कठोर हो जाती है और जिससे वह उच्च रक्तचाप का शिकार हो जाता है। तनाव की वजह से व्यक्ति के मस्तिष्क व हृदय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तनाव को कम करने व मन को सकारात्मक दिशा देने में योग, प्राणायाम, ध्यान, टहलना व अन्य शारीरिक अभ्यास महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

नशीले पदार्थ का सेवन

शराब, सिगरेट, तम्बाखू या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन शरीर पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इनके सेवन से स्नायु संस्थान कमजोर होता है और इस वजह से व्यक्ति अत्यधिक कम आहार का सेवन करने लग जाता है। शराब के सेवन से लीवर खराब होता है, सिगरेट के सेवन से फेफड़े प्रतिवर्ष अपनी 2% क्षमता खो देते हैं। तम्बाखू के सेवन से हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है। इस प्रकार हम देखते है कि मादक द्रव्य मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ साथ हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित कर व्यक्ति को उच्च रक्तचाप का शिकार बना देता है। यदि व्यक्ति नियमित रूप से योग व ध्यान का अभ्यास करे तो वह तनाव से मुक्त रहता है व नशे से मुक्त रहता है। इसलिये व्यायाम व योग को अपने जीवन का अंग बनायें व मादक द्रव्यों के सेवन व अन्य विकारों से मुक्त रहे।

आलस्यमय जीवन-

वर्तमान समय में दुनिया में सर्वाधिक मौत का कारण आलसी जीवन है। जीवन में सक्रियता व व्यायाम का अभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। अत्यधिक आरामदायक जीवन जीने से व गलत आहार का सेवन करने से व्यक्ति की पाचन प्रणाली व स्नायु संस्थान प्रभावित होता है। अत्यधिक आराम की वजह से शरीर की रक्त वाहिनियां कठोर हो जाती है. जिससे उनमें रक्त संचार में बाधा आती है और व्यक्ति उच्च रक्तचाप का शिकार हो जाता है। इसलिये योग व व्यायाम के माध्यम से अपने शरीर को सक्रियता प्रदान करें।

मधुमेह

मधुमेह भी एक साइलेंट किलर के रूप में समाज में फैल रहा है। मधुमेह की वजह से व्यक्ति की हृदय धमनियों में वसा जमने व नर्स सिकुड़ने से व्यक्ति high blood pressure का शिकार हो जाता है। किंतु यदि मधुमेह रोग में नियमित व्यायाम किया जाये व उचित आहार का सेवन किया जाये तो मधुमेह रोग होते हुए भी सुरक्षित जीवन जिया जा सकता है।

वंशानुगत कारण

उच्च रक्तचाप की शिकायत का एक प्रमुख कारण वंशानुगत कारण भी है। क्योंकि यदि हमारे परिवार में उच्च रक्तचाप की शिकायत है तो निश्चित ही हम भी इसके शिकार हो सकते है। किंतु सही जीवन शैली अपनाकर वंशानुगत कारणों से भी बचा जा सकता है। इसलिये समय समय पर अपने कोलेस्ट्राल व रक्तचाप की जांच अवश्य कराते रहना चाहिए।

उच्च रक्तचाप high blood pressure को कभी भी हल्के से न ले प्राय

व्यक्ति यह सोचता है कि उसे उच्च रक्तचाप है और वह दवाईयों का सेवन कर रहा है तो उसे कोई चिंता पालने की आवश्यकता नहीं है। यह सही नहीं है। उसे दवाईयों के नियमित सेवन के साथ साथ अपनी जीवनचर्या को व्यवस्थित करना होगा। क्योंकि उच्च रक्तचाप की दवाईयां केवल खून को पतला करती है।

हमारे शरीर की रक्त वाहिनियों में सतत व आसानी से बिना दबाव के रक्त का प्रवाह होता रहे इस उद्देश्य के लिये योग शरीर संचालन के अभ्यास, प्राणायाम, ध्यान, व टहलने का अभ्यास करना चाहिए।

प्राकृतिक चिकित्सा का चमत्कारिक प्रयोग घर्षण स्नान

घर्षण स्नान प्राकृतिक चिकित्सा का बहुत ही चमत्कारिक प्रयोग है। इसके नियमित प्रयोग से त्वचा पर अवस्थित रक्त वाहिनियां लचीली होती है और त्वचा के रोमछिद्र खुलते है जिससे शरीर में रक्त प्रवाह आसान हो जाता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये स्नान के बाद पतले टावेल से सम्पूर्ण शरीर को 5 मिनिट के लिये रगड़ना चाहिए।

  • प्रकृति से जुड़े, टहलने जाये, बगीचे में परिवार के साथ समय व्यतीत करें।
  • स्नान अत्यधिक गर्म पानी से न करे। गर्मी में ठण्डे पानी से व शीत ऋतु में गुनगुने पानी से स्नान करे।

Blood pressure में कोलेस्ट्राल बढ़ने पर क्या करे

  • रक्त में कोलेस्ट्राल बढ़ने पर अपनी आहार चर्या से दूध व दूध के समस्त उत्पाद कोलेस्ट्राल की सामान्य मात्रा होने तक बिल्कुल बंद कर दे रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा संतुलित होने पर ही इनका पुनः सेवन प्रारम्भ कर सकते हैं।
  • समान मात्रा में आंवला-मिश्री अर्जुन पावडर की 1/2 चम्मच मात्रा दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करे।
  • 200 ग्राम लौकी, 20 पोंदीने के पत्ते, 10 तुलसी के पत्तों का रस में 5 काली मिर्च का पावडर मिलाकर इसके रस का सेवन रक्त से कोलेस्ट्रॉल को कम करता है व रक्त को पतला करता है। ध्यान रखें कि लौकी का प्रयोग करने के पूर्व उसे चख ले कि वह कड़वी न हो, यदिलौकी कड़वी हो तो उसका प्रयोग घातक होता है।
  • 20 मिली अर्जुनारिष्ट 1/2 कप पानी के साथ दिन में 2 बार लेवें।

उपरोक्त सभी बातों का ध्यान रख कर एवं नियमपूर्वक जीवन व्यतीत करते हुए उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी से अपनी सुरक्षा की जा सकती है। उच्च रक्तचाप जैसे रोग को हल्के में न लें। नियमित जांचें, औषधि सेवन व योग प्राणायाम से इसे नियंत्रण में रखने का प्रयास करते रहे । चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें उसका पालन भी अवश्य करें। अपने मन से औषधि बदलकर दूसरी लेना, उसकी मात्रा कम ज्यादा करना घातक सिद्ध हो सकता है। अत: चिकित्सक की सलाह का पालन अवश्य करें।

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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