Good Bacteria : गुड बैक्टीरिया स्किन के लिए कैसे अच्छा हैं जाने

Good bacteria – आज के माहौल को देखते हुए बैक्टीरिया फंगस के बारे में कुछ पॉजिटिव कहना वाकई मुश्किल है। पर यह सच है कि हमारे शरीर की ऊपरी सतह पर असंख्य अच्छे माइक्रोबायोम होते हैं, जो हमें कई तरह बीमारी और संक्रमण से बचाते हैं और शरीर में संतुलन कायम रखते हैं। फोर्टिस अस्पताल, मुंबई की कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. स्मृति नासवा अच्छे बैक्टीरिया good bacteria के त्वचा पर प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं।

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स्किन माइक्रोबायोम skin microbiome 

त्वचा की सतह पर असंख्य माइक्रोबायोम होते हैं, जो त्वचा की डीप लेअर को सुरक्षित करते हैं। इतना ही नहीं, ये बैक्टीरिया कोलेजन के ज्यादा बनने में सहयोग करते हैं, जिससे त्वचा जवां रहती है और त्वचा की इलास्टि सेटी सही रहती है। इसीलिए इसे एंटी एजिंग के लिए असरदार कह सकते हैं। इतना ही नहीं, माइक्रोबायोम सूर्य की यूवी किरणों से त्वचा पर बुरा असर नहीं पड़ने देते। इसीलिए प्रोबायोटिक फूड और ब्यूटी केअर प्रोडक्ट त्वचा पर बहुत असरदार होते हैं। ये खराब बैक्टीरिया और फ्री रेडिकल्स को दूर करते हैं। इनसे त्वचा की जलन भी शांत रहती है। इतना ही नहीं, ये त्वचा पर नमी बरकरार रखते हैं, कोलेजन बनाते हैं, जिससे त्वचा के ढलने की प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है।

स्किन पर अच्छे बैक्टीरिया सुरक्षित रहें, इसके लिए अल्कोहल बेस्ड व त्वचा को रूखा बनाने वाले साबुन का इस्तेमाल ना करें। उसकी जगह हल्के हर्बल क्लींजर का इस्तेमाल करें। प्रोडक्ट के लेवल पर चेक करें कि इसमें फेनॉक्सीइथेनॉल और पैराबीन जैसे प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल ना किया हुआ हो। ये केमिकल स्किन फ्रेंडली बैक्टीरिया के लिए सेफ नहीं हैं। इतना ही नहीं, स्किन पर बहुत ज्यादा एक्सफोलिएशन करने से बचें। त्वचा को रूखा बनानेवाले बहुत हार्श स्क्रब से बचें। इससे त्वचा के नेचुरल ऑइल खत्म हो जाते हैं और कुछ ही देर में त्वचा बेजान और सूखी दिखायी देने लगती है। दही, आडू, अखरोट, बादाम से तैयार पेस्ट लगाने से स्किन में नमी बरकरार रहती है और अच्छे बैक्टीरिया सेफ रहते हैं।

गट माइक्रोबायोम gut microbiome

कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं और हमें बीमारी देते हैं, तो कुछ बैक्टीरिया अच्छे होते हैं, जो हमारी आंतों में रह कर हमें स्वस्थ रखते हैं। सामान्य तौर पर अगर हम अपनी बॉडी में गुड गट बैक्टीरिया बढ़ा दें, तो हमारी लाइफस्टाइल संबंधी सारी समस्याएं या तो रिवर्स हो सकती हैं या फिर जल्दी नहीं होतीं। स्किन एक तरह से हमारे तन-मन का आईना होती है। अगर हम अंदर से स्वस्थ नहीं हैं, तो हमारी त्वचा भी स्वस्थ और जवां नहीं दिखायी देगी। इसके साथ मन की बात करें, तो 90 प्रतिशत हैप्पी हारमोन भी हमारे गट बैक्टीरिया ही रिलीज करते हैं।

अगर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया नहीं होंगे, तो लोगों को जल्दी एजिंग और डार्क सर्कल की परेशानी हो जाती है। स्किन के गुड बैक्टीरिया की बात करें, तो यह इस बात पर तय होता है कि हम स्किन पर क्या लगा रहे हैं और किससे वॉश कर रहे हैं। कहते हैं हाथों से उम्र दिखती है। आजकल हैंड हाइजीन के लिए हैंड सैनिटाइजर लगाना जरूरी है, पर सच तो यह है कि हाथों की स्किन सैनिटाइजर से खराब हो जाती है। त्वचा में मौजूद गुड बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं, हाथों में दोबारा अच्छे बैक्टीरिया बनने में 7 घंटे तक लग जाते हैं। इसीलिए जब जरूरी हो, तभी सैनिटाइजर लगाएं, वरना एक्जिमा जैसी परेशानी भी हो सकती है।

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कैसे बढ़ें गुड बैक्टीरिया

त्वचा की ऊपरी सतह को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अगर हम गट बैक्टीरिया पर ज्यादा फोकस करें, तो स्किन में पॉजिटिव फर्क आएगा। गट बैक्टीरिया को अच्छा करने के लिए तीन चीजें अपनानी जरूरी हैं।

पहला, प्री बायोटिक, जिससे अच्छे बैक्टीरिया का विकास हो सके। खाने में फाइबर एक तरह प्री बायोटिक है। अगर डाइट में फाइबर नहीं होगा, तो गट बैक्टीरिया हेल्दी नहीं रहेंगे और एजिंग जल्दी होगी। दूसरा, प्रो बायोटिक हैं, जो आपको दही या खमीर की चीजें जैसे कांजी, अचार और दही से मिलेंगे। तीसरा है, पोस्ट बायोटिक। इसमें इडली-डोसा का मिश्रण आता है। जब यह मिश्रण फूलता है, तब तो इसमें खूब अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं, लेकिन इसे पकाने के बाद अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं। हालांकि शोध अब कहते हैं कि मरे बैक्टीरिया के अवशेष जिसे एंड प्रोडक्ट ऑफ डाइजेशन कहते हैं, वह भी पेट के लिए काफी काम का साबित होता है। इसीलिए अगर हफ्ते में 3 दिन अपनी डाइट में फरमेंटेड फूड शामिल करते हैं, तो अच्छा रहेगा।

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इस सबसे अलग है फास्टिंग। अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि उसकी उम्र कम दिखे, तो वह फास्टिंग की अहमियत को समझे। एजिंग का कारण समझे। योशिनोरो ऑसुमी नाम के जापानी साइंटिस्ट को इस विषय पर शोध करने के लिए 2016 में नोबल पुरस्कार भी मिला है। 24 से 72 घंटे की फास्टिंग करें, जिसमें आपने दिनभर में जो कुछ भी झेला हो, जैसे पॉल्यूशन, डस्ट, स्मोक या ओवरईटिंग, इस दौरान आप अपनी बॉडी को रिकवर करने का समय देते हैं। इससे बॉडी हील करने लगती है और अच्छे बैक्टीरिया रिकवर करते हैं। यह एक तरह से एंटी एजिंग का काम करता है। शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक भी रेगुलर फास्टिंग कर सकते हैं। लेट डिनर और अपच से चेहरे पर थकान और झुर्रियां दिखायी देने लगती हैं।

स्किन पैक्स

face-pack

दही और अखरोट का स्क्रब

2 बड़े चम्मच जौ का आटा, 1 बड़ा चम्मच अखरोट का पाउडर, 1 छोटा चम्मच शहद, 4 बड़े चम्मच दही। सभी सामग्री को मिक्स करके पेस्ट बनाएं। चेहरे को साफ करें, इसे 20 मिनट तक लगा कर धो लें।

बनाना कर्ड पैक

आधा केला पका हुआ और 3 बड़े चम्मच दही मिक्स करें। इसमें कुछ बूंद शहद भी मिलाएं। चेहरा साफ करें और इस पेस्ट को लगा कर सूखने दें। यह बहुत रूखी त्वचा के लिए फायदेमंद पैक है। इससे त्वचा की महीन रेखाएं दूर होंगी।

दही और फ्रूट्स का फेस पैक

2 बड़े चम्मच दही में 1 छोटा टुकड़ा पपीते का पल्प मैश करें। इस पेस्ट को चेहरे व गरदन पर लगाएं और 20 मिनट के बाद चेहरा धो लें। यह पैक एंटी एजिंग का काम करता है। पपीते की जगह आप टमाटर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

प्रोटीन पैक

2 बड़े चम्मच दही में मूंग या मसूर दाल का पेस्ट मिलाएं। चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धोएं। यह पैक ना सिर्फ रंगत साफ कर करता है, बल्कि इससे चेहरा हमेशा जवां दिखता है। ऑइली स्किन के लिए यह पैक अच्छा है।

स्किन स्मूदनिंग पैक 

2 बड़े चम्मच दही में 1 छोटा चम्मच बादाम का पेस्ट, 1/2 छोटा चम्मच में सफेद तिल का पेस्ट और कुछ बूंद शहद की मिला कर पैक तैयार करें। यह सामान्य स्किन के लिए फायदेमंद है।

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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