मूड क्यों खराब होता है || why is the mood off

क्या आपने कभी खुद को अच्छा समय बिताते हुए पाया है और फिर अचानक नकारात्मक सोच की चपेट में आ गए हैं? भावनाओं के इस रोलरकोस्टर को अकसर मूड स्विंग के रूप में जाना जाता है, जहां किसी के विचार, हारमोन्स और अनुभव उसके मूड को प्रभावित करते हैं। मिजाज में ऐसा बदलाव अलग-अलग आवृत्तियों पर दिन में कई बार साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक रूप से हो सकता है।

हमारी मनोस्थिति हमारे मूड को निर्धारित करती है। किसी व्यक्ति से पूरे समय एक समान भाव की अपेक्षा करना अनुचित है। लेकिन कई बार मूड स्विंग इतना गंभीर हो जाता है कि दिन-प्रतिदिन के जीवन में बाधा डालना शुरू कर देता है। यह चिंता की स्थिति है। कार्यालय में अधिक काम करना, नींद की कमी, किसी प्रियजन से दूर रहना जैसी छोटी-छोटी चीजें मूड स्विंग को बढ़ावा देती हैं। हालांकि कभी-कभी यह कुछ गंभीर स्थितियों जैसे दर्दनाक घटना या किसी अंदरूनी रोग के कारण भी हो सकता है।

यह भी देखें : food mismatch : खाने का गलत मेल

चिकित्सकीय रूप से विभिन्न प्रकार की स्थितियां मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होती हैं। बाइपोलर डिस्ऑर्डर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आप कभी बिना किसी कारण के बेहद खुश, तो कभी बेहद दुखी हो जाते हैं। अन्य मनोदशा संबंधी विकारों में साइक्लोथाइमिक विकार, मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (एमडोडो), डायस्टीमिया, सिजोफ्रेनिया और व्यक्तित्व विकार शामिल हैं। इन सभी चिकित्सकीय स्थितियों में डॉक्टर द्वारा निदान की आवश्यकता होती है।

हारमोन वे रसायन होते हैं, जिनके माध्यम से विभिन्न संदेश आपके शरीर के विभिन्न भागों में परस्पर जुड़ी हुई तंत्रिकाओं से भेजे जाते हैं। कोई भी व्यवधान, जिसके कारण हारमोन में कोई परिवर्तन होता है, आपके मूड को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। हारमोनल परिवर्तन के कारण मिजाज में बदलाव आमतौर पर युवावस्था के दौर से गुजर रहे किशोरों और रजोनिवृत्त महिलाओं में देखा जाता है, ये उनके शरीर में बदलाव से जुड़े होते हैं। आमतौर पर ये एपिसोड समय के साथ हल हो जाते हैं, हालांकि कभी-कभी चिकित्सकीय मदद की भी आवश्यकता होती है।

यह भी देखें : Migraine : क्यों होता है माइग्रेन migraine in hindi


अपने मूड का खयाल रखने और मूड स्विंग को कम करने के लिए अपनी दिनचर्या में कुछ आसान उपायों को शामिल किया जा सकता है।

एक डायरी बनाएं

अपने खाने और सोने की आदतों पर नजर रखने से आपको अस्वास्थ्यकर जीवनशैली पर नजर रखने में मदद मिलती है। पर्याप्त विटामिनवाला सेहतमंद आहार लेने की कोशिश करें और जंक फूड से बचें। कम से कम 6-8 घंटे की अच्छी नींद लेना भी मददगार साबित होगा।

व्यायाम करें

व्यायाम शरीर में हैप्पी हारमोन के स्राव के साथ सहनशक्ति को बढ़ा कर काफी मदद करता है। हर दिन कम से कम 30 मिनट किसी भी प्रकार की अपनी पसंद की शारीरिक गतिविधि करें।

मेडिटेशन करें

योग, ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना अनावश्यक तनाव को कम करता है, जो दैनिक गतिविधियों के कारण पैदा होता है। इससे मस्तिष्क को शांत रखने में मदद मिलती है।

तनाव पर नजर

रखें अगर आप एक ट्रैक रखते हैं और उनसे बचते हैं, तो आप संभवतः मूड खराब होने की स्थिति को कम कर सकते हैं।

अपने आपको व्यक्त करें

अपने आसपास के लोगों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने से ना केवल उन्हें आपकी स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है, बल्कि आपको अधिक सोचने या आपके मूड को वश में करनेवाली किसी भी चीज से बचने में भी मदद मिलती है।

प्रोफेशनल से परामर्श लें

यदि आप गंभीर मूड स्विंग से जूझ रहे हैं और इससे खुद को अलग नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें। वे आपकी बेहतर तरीके से मदद कर सकते हैं।

लब्बोलुआब यह है कि हर कोई अलग-अलग कारणों से मूड स्विंग का अनुभव करता है। उम्मीद मत खोइए, यह ऐसी लड़ाई नहीं है जिसे आप जीत नहीं सकते बस खुद पर विश्वास करें और खुद को सीमाओं में ना बांधे और अगर आपको मदद की जरूरत है, तो सही जगह पहुंचे।

यह भी पढ़े

Stress : कामकाजी जिंदगी के तनाव यूं करें दूर || Remove the stress of working life like this

salivary gland: लार ग्रंथि के संक्रमण से कैसे बचे || How to avoid salivary gland infection in hindi

Health insurance : हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले ध्यान रखे ये बातें

dark circles के लिए 5 एंटीऑक्सीडेंट डाइट || best 5 Antioxidant diet for dark circles

shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *