Immunity : इम्युनिटी की डोज महंगी ना पड़ जाए
पैनडेमिक में लोगों ने immunity बढ़ाने के लिए ना जाने कितने सप्लीमेंट्स लिए। आयुर्वेदिक उपचार किए और कई तरह के immunity बूस्टर्स का सहारा लिया, लेकिन क्या वाकई इनसे कुछ फायदा मिला या फिर ये नुकसान भी पहुंचा रहे हैं, जानिए
डेढ़ वर्षों में लोगों ने स्वस्थ रहने के लिए तरह-तरह के जतन किए हैं। कोरोना ने हर किसी को अपनी सेहत के प्रति जागरूक बना दिया है। सैनिटाइजेशन, भीड़ में ना निकलने और मास्क का प्रयोग करने के अलावा लगभग सभी ने immunity बूस्टर प्रोडक्ट्स का सेवन किया। काढ़ा, गिलोय, आंवला, नीबू, मल्टी विटामिन्स, जिंक, तुलसी, हल्दी, अश्वगंधा, मुलैठी, पीपली, दालचीनी, सॉट जैसी तमाम चीजों की बिक्री इस दौरान खूब बड़ी, लेकिन अब एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि इनके अधिक सेवन से नुकसान हो सकता है।
immunity- गिलोय से लिवर समस्या
जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना दौर में अत्यधिक मात्रा में गिलोय जूस पीने से कई लोगों को लिवर संबंधी समस्याएं हुई हैं। शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती कुछ लोगों के अनुभवों के आधार पर ये नतीजा निकाला। ये मरीज पीलिया और थकान की शिकायत के बाद डॉक्टर के पास पहुंचे थे। जांच के बाद पता चला कि ज्यादातर मरीजों में कॉमन बात यह थी कि इन सभी ने गिलोय जूस का भरपूर सेवन किया था।
मनमाने प्रयोग से immunity को नुकसान
कोरोना काल में गिलोय का प्रयोग लगभग सभी ने किया। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स की भरमार है। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में शरीर की मदद करता है। टॉक्सिन्स को बाहर करता है, रक्त शुद्ध करता है, लिवर की समस्याओं, यूटीआई, दबाव व बेचैनी से दूर रखता है और पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करता है। आयुष मंत्रालय ने भी गिलोय के इस्तेमाल की सलाह दी, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि एक से तीन ग्राम पाउडर को दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ ही लें। अगर कोई समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक इसका सेवन ना करें।
कुछ लोगों ने काली मिर्च और दालचीनी वाले प्रोडक्ट्स का सेवन किया और उन्हें मुंह में छालों एसिडिटी और अल्सर की शिकायत हुई। कई लोगों ने विटामिन सी और जिंक का नियमित सेवन किया। कई डॉक्टरों का मानना है कि जिंक के अधिक सेवन से म्यूकोरमाइसिस जैसी समस्या हो सकती है। इससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। कई डॉक्टर इस बात से सहमत नहीं हैं, लेकिन वे मानते हैं कि बिना टेस्ट और डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
जिंक है लाभदायक
जिंक एक तरह का मिनरल है: और स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 40 मि.ग्रा. जिंक से अधिक नहीं लेना चाहिए। इसकी अधिकता से पेट, किडनी, लिवर आदि से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। लोगों ने विटामिन सी का सेवन इसलिए किया कि इससे संक्रमणों से बचाव होगा, लेकिन विशेषज्ञ .मानते हैं कि विटामिन सी के अधिक सेवन से शरीर में आयरन की अधिकता हो सकती है, किडनी पर दबाव पड़ता है, सिर दर्द हो सकता है और नींद में भी खलल पड़ सकता है। विटामिन सी की गोलियां खाने से कई लोगों को उल्टी, नौजिया, हार्ट बने जैसी समस्याएं हुई हैं।
गुणकारी हल्दी
हल्दी को गुणकारी माना जाता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से गैस, ब्लोटिंग या पेट में कैंप्स की शिकायत हो सकती है। अदरक या सौंठ से लोगों को डाइजेशन संबंधी समस्याएं हुई। सरदी-जुकाम में मुलैती का सेवन किया जाता है। इसमें एंटी वायरल और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि इसमें मौजूद ग्लाइसौरिजिक एसिड के कारण हाई बीपी, हाइपोकैलिमिया और गुर्दे फेल होने जैसी समस्या हो सकती है।
मुलेठी का प्रयोग
यूएस में आमतौर में खाद्य पदार्थों में मुलेठी का प्रयोग स्वीटनर के तौर पर किया जाता है। एक बार किसी मजदूर की मौत हो गयी तो माना गया कि अल्कोहल के अधिक सेवन से ऐसा हुआ है। बाद में जांच में उसके शरीर में अल्कोहल की मात्रा नहीं मिली। पाया गया कि वह रोज मुलैठीवाली कैंडी का सेवन किया करता था। इसकी अधिकता से उसके शरीर को नुकसान हुआ।
सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं
फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज दिल्ली के इंटर्नल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा कहते हैं, इम्युनिटी बुस्टर जैसी कोई चीज होती ही नहीं। कोई भी बाहरी चीज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नहीं बढ़ा सकती। कई बार ऐसे प्रोडक्ट्स में हेवी मेटल्स आदि होते हैं, कुछ चीजें एलर्जिक हो सकती हैं या खास मेडिकल कंडीशन में इन तत्वों की मनाही हो सकती है, लेकिन कोरोना दौर में लोगों ने इनका मनमाना सेवन किया और इसका नुकसान भी झेला स्वस्थ युवा व्यक्ति को किसी तरह के सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती।
बच्चों या बीमार लोगों को खास स्थितियों में ही सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है। बिना डॉक्टर की सलाह के ओवर द काउंटर दवाएं व सप्लीमेंट्स लेने से बचा जाना चाहिए। हमारे देश में इन सप्लीमेंट्स के बारे में कोई क्वॉलिटी कंट्रोल नहीं है, ना इस बारे में किसी तरह की जागरूकता है। सचाई यह है कि कुछ चीजें फायदा पहुंचा सकती हैं, तो इनकी अधिकता से नुकसान भी हो सकता है। बेहतर यही है कि अपने खानपान को पौष्टिक रखें, इससे immunity बढ़ेगी और रोगों का खतरा कम होगा।
प्राकृतिक रूप से बढ़ाएं immunity
immunity बाहरी चीजों से नहीं बढ़ती। इसे स्वस्थ खानपान, व्यायाम और जीवनशैली से ही बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा
- ऐसे फल व सब्जियों का सेवन करें, जो मौसमी हो और आपके शहर या क्षेत्र के आसपास कराते हों। बेमौसम किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करना ठीक नहीं।
- वजन को नियंत्रित रखें। ओबेसिटी से इम्युनिटी कमजोर होती है। वजन नियंत्रित रखने के लिए अपनी डाइट की संतुलित रखे, साथ ही नियामित व्यायाम करें ।
- घर का बना ताजा और सादा भोजन करें। बासी भोजन बीमारियों को दावत देता है फल या सब्जियों को देर तक काट कर ना रखे । बरसात के मौसम में इनसे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
- धूम्रपान और अल्कोहल का प्रयोग सीमित करें। कैफीनयुक्त पदार्थों का भी सीमित सेवन करें। दिनभर में अधिकतम 3 कप चाय ही पिए। एक बार ग्रीन टी पिएं।
- कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद लें। लोगों को कोविड इन्सोम्निया का भी सामना करना पड़ रहा है। सोने से पहले सोशल मीडिया या टीवी पर नकारात्मक खबरें ना देखें। समय पर सोएं-जागे। अपनी दिनचर्या को नियमित रखें।
- दबाव को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए सुबह उठ कर 15-20 मिनट योगाभ्यास और ध्यान करें। नियमित व्यायाम से शरीर के फील गुड हार्मोन्स रिलीज होते है और मन प्रसन्न रहेगा।
शरीर को हाइड्रेट रखें
- शरीर को हाइड्रेट रखें। खूब पानी और लिक्विड पदार्थों का सेवन करें। सूप और फलों का जूस भी ले सकते हैं।
- कोई भी दवा या सप्लीमेंट अपने मन से ना लें। डाक्टर की सलाह से ही इनका सेवन करें। ना तो कोई दवा अपने मन से छोड़े और ना ही बिना डॉक्टर से पूछें लंबे समय तक इनका सेवन करें खासतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कभी भी अपने मन से ना करें।
- आउटडोर एक्टिविटीज जरूर करें। कुछ देर सुबह-शाम वॉक करें, ताकि फेफड़ों को ताजी हवा मिल सके। हफ्ते में 3-4 दिन 15 मिनट सुबह कि धूप में जरूर निकले । इससे विटामिन डी की कमी नहीं होगी और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। कोई भी एक गेम चुन लें, हफ्ते में तीन-चार बार खेलें। साइकिलिंग भी कर सकते हैं।
- सकारात्मक रहें। अलग-अलग तरह की गतिविधियां करें। ऐसे लोगों से बात करें, जो खुशी प्रदान करें। रोज कोई ऐसा काम करें, जिससे मन को खुशी और हौसला मिले। फिर चाहे वह किसी की मदद करनी हो या कोई पौधा रोपना हो इससे अपने प्रति अच्छे खयाल आएंगे स्ट्रेस कम होगा और जीवन से प्यार पनपेगा।
- कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करवाएं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा व शरीर को बाहरी इन्फैक्शंस से बचने में मदद मिलेगी।
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