PCOD : पीसीओडी को मैनेज करें आयुर्वेद से

गलत लाइफस्टाइल और बढ़ते हुए तनाव के कारण आज PCOD महिलाओं की आम समस्या बन गयी है। एक्सपर्ट्स से जानें आयुर्वेद में क्या है इसका इलाज –

पिछले कुछ वर्षों में हमारी जीवनशैली बहुत तेज और तनावपूर्ण हो गयी है। इसका हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है। महिलाओं पर तो इसका जरूरत से ज्यादा ही असर पड़ा है। 5 में से 1 भारतीय महिला PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण शरीर में हारमोनल परिवर्तन होते हैं। वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स, मुंहासे, अनियमित पीरियड्स, चेहरे व शरीर पर बालों का बढ़ना, चिड़चिड़ापन और थकान इसका परिणाम है।

आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली माहेश्वरी फॉर्मास्यूटिकल्स कंपनी के डाइरेक्टर निखिल माहेश्वरी का कहना है, “महिलाओं की आम समस्या PCOD को नियंत्रण में रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज और सही खानपान हर महिला के लिए जरूरी है। पीसीओएस को नियंत्रित रखने में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। कुछ आम चीजों को अपनी डाइट में शामिल करके या बतौर दवाई इस्तेमाल करके आप स्वस्थ रह सकती हैं। आयुर्वेदिक दवाएं या आम जड़ी-बूटियां शरीर को डिटॉक्सीफाई करने, मजबूती देने और ताजगी भरने, हारमोनल असंतुलन ठीक करने और मोटापे को रोकने में मददगार हैं।” यहां कुछ जड़ी-बूटियों की जानकारी दी जा रही है, जिन्हें महिलाओं को नियमित लेना चाहिए

PCOD के लिए जड़ी-बूटि

कचनार गूगल : पीसीओएस खत्म करनेवाली मुख्य बूटी है कचनार गूगल इसकी वजह से ओवरीज में बननेवाले सिस्ट की सेल्स सिकुड़ जाती हैं और सूजन व लालिमा कम होती है। माहवारी के दौरान यह रक्त प्रवाह को नियमित करती है। वजन घटाती है। इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते, इस वजह से इसकी बात नहीं करते। पर पीसीओएस के उपचार में यह जड़ी-बूटी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गूगल के साथ नवा का सेवन करने से मोटापा दूर करने में मदद मिलती है।

सतावरी : विटामिन व खनिज तत्वों से समृद्ध शतावरी महिलाओं के यूटरस और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को हेल्दी रखती है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार कर डाइबिटीज को काबू करती है।

शिलाजीत : हाल के वर्षों में शिलाजीत ने इतनी लोकप्रियता हासिल की है कि यह हर घर में मिलने लगा है। हिमालय की चट्टानों में पाया जानेवाला। चिपचिपा पदार्थ शिलाजीत आयरन का अच्छा स्रोत है। साथ ही यह ताकत व इम्युनिटी बढ़ाता है। अगर पीसीओडी या हारमोनल इंबैलेंस की वजह से प्रेगनेंसी में दिक्कतें आ रही हों, तो शिलाजीत मदद करता है।

विभीतकी या बहेड़ा : यह एक फल है, जो पाचन तंत्र की सफाई और मैटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है। यह अपने एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों के लिए जाना जाता है। पीसीओएस से पीड़ित अधिकांश महिलाएं वजन बढ़ने और डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर होने जैसी दिक्कतों का सामना करती हैं। इन महिलाओं को नियमित रूप से कोड़ा का सेवन करना चाहिए। इसे त्रिफला में भी मिलाया जाता है।

लयुकम : कैप्सूल के रूप में उपलब्ध स्यूकम पीसीओएस से पीड़ित 90% महिलाओं में सकारात्मक नतीजे देने में कामयाब रहा है। यह हारमोन को संतुलित करता है। माहवारी को नियमित करता है। इम्युनिटी बढ़ा कर हिस्टीरिया, एंग्जाइटी आदि को दूर कर मानसिक सेहत सुधारता है। टीनएज से ही अगर हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट की फॉलो किया जाए, तो महिलाओं को जीवन में कभी भी हारमोनल असंतुलन की समस्या से दोचार नहीं होना पड़ेगा। यहां दो बातों का ध्यान रखें–

• नियमित व्यायाम करें। घंटों बैठे ना रहें टहलें, दौड़ें या कैसे भी वर्कआउट करें, यह बेहद महत्त्वपूर्ण है।

• स्वस्थ आहार जरूरी है। आपका आहार असंतुलित है, तो सेहत तो खराब होगी ही। इम्युनिटी बढ़ाने और स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन लें और जंक फूड से दूर रहें।

• शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने में नोंद जरूरी है। पर्याप्त नींद (7-8 घंटे) ना होने पर थकान, चिड़चिड़ापन होता है।

• किशोरियां और युवतियां खुद को तनावमुक्त रखें, तो उनकी सेहत सुधरेगी। उन चीजों को पहचानें, जो अच्छी लगती हैं। उन्हें हो ज्यादा वक्त दें।

• पीरियड्स के दौरान क्रॅप्स यानी पेट और पैरों में दर्द रहता हो, तो सफेद तिल को पानी में भिगो कर खाएं।

• अपने रोजमर्रा के कामों का एक शेड्यूल बनाएं जिसमें काम के साथ थोड़ा समय फिजिकल एक्टिविटी के लिए भी निकालें। इससे आपका काम समय से पूरा होगा और आप स्ट्रेस से बची रहेंगी।

• दिन की शुरुआत चाय या कॉफी से करने के बजाय नोबू व शहद मिले गरम पानी से करें।

• जिन महिलाओं को अनीमिया की शिकायत हो, उन्हें अपनी डाइट में आंवला भी शामिल करना चाहिए। विटामिन सी से भरपूर होने के कारण यह शरीर में आयरन को एक करने में मदद करता है।

• पीसीओडी से बचने के लिए खाने में सफेद चावल, मैदा के बजाय साबुत अनाज, ब्राउन राइस, बॉस और जौ का आटा शामिल करें।

• गैजेट कंट्रोल्ड जीवन से दूर हो कर प्रकृति से जुड़े डिजिटल डिटॉक्स महत्वपूर्ण है। इसके लिए दिन में कुछ घंटे गैजेट्स से दूर फैमिली के साथ या खुली हवा में बिताएं।

दालचीनी: यह एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए दालचीनी ब्लड शुगर को कम करने में मदद करती है और पाचन में राहत देती है। एक कप पानी उबालें, चुटकीभर दालचीनी मिलाएं, उसमें शहद मिला कर खाली पेट पिएं।

हल्दी: हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है। सिस्टम को डिटॉक्सीफाई करता है। जो महिलाएं मुंहासों की समस्या से जूझ रही हैं, उनके लिए हल्दी आदर्श उपाय है। यह त्वचा को साफ और स्वस्थ रखती है।

shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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