किस बरतन में क्या पकाएं

किस बरतन में क्या पकाएं || what to cook in which vessel

खाना पकाने और परोसने के लिए कई विकल्प हैं, पर चुनें वही, जो सेहत के लिहाज से ठीक हो ।

क्या आपने सोचा है कि आखिर मां या दादी के हाथ के बने खाने में जो स्वाद होता है, वह लाख कोशिश करने पर भी आपके बनाए खाने में क्यों नहीं आ पाता। मां के प्यार के अलावा इसमें थोड़ा कमाल उन बरतनों का भी है, जिनमें खाना पकाया जाता है। इन बरतनों में शामिल हैं कास्ट आयरन, मिट्टी और कांसे के बरतन । पारंपरिक तौर पर हमारे यहां इसी तरह के बरतन इस्तेमाल में लाए जाते हैं। ये बरतन हमारी सेहत के लिए भी अच्छे हैं। और स्वाद के तो कहने ही क्या !

कास्ट आयरन या तांबे के बरतन में खाना पकाने से महिलाओं के शरीर में मुख्य रूप से आयरन की कमी पूरी होती है। कास्ट आयरन को बहुत हाई टेंपरेचर पर गरम किया जा सकता है, जबकि नॉनस्टिक पैन को अगर जरूरत से ज्यादा गरम कर दिया जाए, तो वह खराब हो सकता है। लोहे की कड़ाही में पके खाने के स्वाद में बहुत फर्क है। ये बरतन पीढ़ी दर पीढ़ी इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। मिट्टी की हांडी में पकी दाल का स्वाद किसी भी हाल में प्रेशर कुकर में पकी दाल से ज्यादा बेहतर होता है।

किस धातु के क्या हैं फायदे

पहले जमाने में राजा-महाराजा सोने और चांदी के बरतनों में खाना खाया करते थे। उनके लिए खाना पकाने के बरतन भी अलग हुआ करते थे। आयुर्वेद की मानें, तो सोना एक गरम धातु है, इससे बने बरतनों में खाना खाने से हमारा शरीर अंदर और बाहर दोनों तरफ से मजबूत और बलवान बनता है। यह आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है। वहीं चांदी ठंडी धातु मानी जाती है। यह शरीर को शांत रखती है और पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित करती है। हालांकि सोने और चांदी के बरतन खरीदना आज हर किसी के बस की बात नहीं है। इन बरतनों के बाद सबसे अच्छे बरतन कांसे के माने जाते हैं। इन बरतनों में पकाने पर खाने के पोषक तत्व 97 प्रतिशत तक बरकरार रहते हैं। इन बरतनों में खाना पकाने और खाने से खून साफ होता है। हालांकि खट्टी चीजें इन बरतनों में पकाने और परोसने से बचना चाहिए।

कांसे के बाद सबसे अच्छे बरतन पीतल के माने जाते हैं। ये भी 94 प्रतिशत तक पोषक तत्व बरकरार रखते हैं। इन बरतनों में खाना पकाने से पेट में कीड़े, कफ और वायुदोष नहीं होता। इन बरतनों में ज्यादा एसिडिक चीजें पकाने से बचना चाहिए।

लोहे व कास्ट आयरन के बरतन आजकल खूब चलन में हैं। जिन लोगों को अनीमिया हो, उन्हें इन बरतनों में पका भोजन खाना चाहिए। इन बरतनों में खाना पका कर रखना नहीं चाहिए, खासकर खट्टी चीजें, वरना वे विषैली हो जाती हैं।

मिट्टी के बरतन आपके पकाए खाने के पोषक तत्वों को 100 प्रतिशत तक बरकरार रखते हैं। लेकिन ये पॉलिश किए हुए नहीं होने चाहिए। दूध और उससे बनी चीजों के लिए ये बरतन परफेक्ट हैं।

कैसे करें रखरखाव

  • कास्ट आयरन के बरतनों को जंग लगने से बचाने के लिए इन्हें धोने के बाद साफ कपड़े से पोंछ कर थोड़ा सा तेल लगा कर रखें।
  • मिट्टी के बरतनों को साफ करने के लिए सिर्फ पानी और नीबू का इस्तेमाल करें, इनमें साबुन ना लगाएं, वरना साबुन के कण इनके छिद्रों में घुस जाएंगे।
  • कांसे के बरतनों को घर में चमकाने के लिए सिरके में चावल का आटा मिला कर साफ करें। इन बरतनों पर दाग-धब्बे पड़ गए हों, तो आधा कप सिरके में एक चम्मच नमक और आटा मिला कर पेस्ट बनाएं और बरतन को उससे साफ करें। यह ना हो, तो बरतन में थोड़ा नमक बुरकें और इमली से रगड़ कर साफ करें। फिर इन्हें धो कर सुखा लें।

shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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