गोदंती भस्म के फायदे और सेवन विधि || godanti bhasma uses in hindi

गोदंती भस्म के फायदे और सेवन विधि || godanti bhasma uses in hindi

 

    नमस्कार दोस्तों आज हम फिर आपके सामने एक नया टॉपिक लेकर आए हैं जिसका नाम है गोदंती भस्म godanti bhasma यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के काम में आती है दोस्तों यह प्राकृतिक जड़ी बूटियों से निर्मित औषधि है तथा इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।

आपको किसी भी बाजार में किसी भी शॉप पर मेडिकल शॉप पर, पतंजलि शॉप पर या किसी भी आयुर्वेदिक शॉप पर यह आसानी से मिल जाएगी। यह दाम में भी काफी सस्ती होती है। यह कई प्रकार के रोगों के लिए रामबाण के तरह कार्य करता है तो दोस्तों आप इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग जरूर करें।

 

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गोदंती भस्म क्या है godanti bhasma in hindi

    Godanti bhasma एक सुरक्षित दर्द निवारक है। गोदंती भस्म को अंग्रेजी में गोदंती हरताल, घसन, करपुर शिला और जिप्सम भी कहा जाता है। गोदंती एक प्रकार का खनिज है। इसका नाम गोदांती = गो + दंती, यहाँ गो का अर्थ गाय और दंती का अर्थ दाँत है। यह बिल्कुल गाय के दांत जैसा दिखता है, इसलिए इसका नाम गोदंती पड़ा।

गोदंती भस्म आयुर्वेद में बहुत उपयोग किया जाता है। गोदंती भस्म का उपयोग बुखार दर्द, सिरदर्द, कैल्शियम सप्लीमेंट के रूप में, टाइफाइड बुखार में, हड्डियों के रोगों में और अनेक प्रकार के रोगों के उपचार में इसका प्रयोग किया जाता है

 

Godanti bhasma बनाने की विधि

    जमीन में एक हाथ गहरा गड्डा बना उसका चौथाई भाग कंडों से भरकर उस पर गोदंती की टुकड़ों को अच्छी तरह बिछा दे और ऊपर कंडों से शेष भाग को भरकर आँच दे। स्वांगशीतल होने पर कंडों की राख को सावधानी से हटाकर गोदन्ती भस्म को निकाल चन्दानादि अर्क खींचे।

इसमें या फिर ग्वारपाठा (घृत कुमारी) के रस में घोंट का टिकिया बनाकर धुप में सुखावें, जब टिकियाँ खूब सूख जाए तो सराव सम्पूट में बंद कर लघुपट में फूंक दे। यह स्वच्छ-सफेद और बहुत मुलायम भस्म तैयार होगी।

 

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गोदंती भस्म के फायदे Godanti Bhasma Benefits

1. गोदंती भस्म आयुर्वेद में एक अच्छी दर्द निवारक दवा के रूप में जानी जाती है। जिसके प्रयोग से रोगी को शीघ्र ही अपने दर्द से आराम मिल जाता है।

2. गोदंती भस्म का प्रयोग सभी प्रकार के ज्वर में शरीर के तापमान को कम करने के लिए किया जाता है।

3. गोदंती भस्म (godanti bhasma) बुखार के मामले में पेरासिटामोल के रूप में कार्य करती है।

4. गोदंती भस्म का प्रयोग मलेरिया रोग में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।

5. गोदंती भस्म श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, स्त्रियों के रक्तस्राव में लाभ प्रदान करती है।

6. गोदंती भस्म का उपयोग सिरदर्द को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

7. गोदंती भस्म शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने में उपयोगी है। हड्डियों की सूजन और हड्डियों की कमजोरी को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है।

8. यह सूखी खांसी (Godanti Bhasma Benefits) को दूर करने में उपयोगी है।

9. पेट में एसिड की समस्या या पेट के अल्सर के इलाज के लिए इसका उपयोग अन्य दवाओं के साथ संयोजन में भी किया जाता है।

10. शरीर में होने वाले किसी भी सामान्य दर्द को दूर करने में गोदंती भस्म का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है।

11. इसका उपयोग कब्ज और अपच जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

 

गोदंती भस्म के उपयोग godanti bhasma in hindi

मलेरिया ज्वर में गोदंती भस्म से उपचार : गोदंती भस्म 2 रत्ती, फिटकरी भस्म 2 रत्ती, सफेद जीरे की 4 रत्ती – तीनों को तुलसी के पत्तों और शहद में मिलाकर चाटने से और ऊपर से 5 तोला सुदर्शन का अर्क देने से मलेरिया की गर्मी ठीक हो जाती है। इससे आराम मिलता है।

शीत ज्वर और पार्श्विका ज्वर में गोदंती भस्म से उपचार : गोदंती भस्म को 6 रत्ती में एक चावल सांखिया भस्म में शहद मिलाकर दें। इसके तुरंत बाद एक कप सुदर्शन चूर्ण बनाकर या सुदर्शन सन्दूक के 5 तोले देने से बहुत लाभ होता है।

सिर दर्द के उपचार में गोदंती भस्म का प्रयोग : 3 रत्ती गोदंती भस्म और 1 माशा मिश्री और 1 तोला गोघृत को दिन में तीन बार मिलाकर लेने से रोगी को विशेष लाभ मिलता है। इसी प्रकार सूर्यावर्त में सूर्योदय से एक घंटे पहले दो मात्रा में गोदंती भस्म शहद के साथ देने से अर्धभेक (अर्धकपरी) निश्चित रूप से लाभ देता है।

महिलाओं के सफेद प्रदर में गोदंती भस्म का प्रयोग : गोदंती भस्म 6 रत्ती और त्रिवंग भस्म 1 रत्ती को शरबत बनाकर या मधुकदिवलेह में मिलाकर देने से अच्छा लाभ मिलता है। प्रदर में ऊपर से अशोकारिष्ट या पत्रांगसव पूर्व मिश्रित रक्त के साथ देने से शीघ्र ही लाभ मिलने लगता है।

 

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खुराक और सेवन विधि Godanti Bhasma dosage

    रोगी की उम्र और वजन के अनुसार गोदंती भस्म की मात्रा 125 मिलीग्राम से एक ग्राम तक हो सकती है। यह बच्चों के लिए 65 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक हो सकता है। यह एक वयस्क के लिए 250 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक हो सकता है।

 

निष्कर्ष

    तो दोस्तों हमने आपको गोदंती भस्म के बारे में पूरी जानकारी दे दी है। जैसा कि हमने आपको बताया गोदन्ती भस्म एक आयुर्वेदिक औषधि है और यह किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए बहुत ही कारगर और रामबाण इलाज है। तो दोस्तों आप अपने किसी भी बीमारी में आयुर्वेदिक दवा को लेना न भूले। धन्यवाद!

 

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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