स्फटिक भस्म के फायदे व अन्य जानकारी || Sphatika bhasma uses in hindi
स्फटिक भस्म के फायदे व अन्य जानकारी || Sphatika bhasma uses in hindi
आज के इस पोस्ट में हम आपको स्फटिक भस्म (Sphatika bhasma) के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए हम आपको स्फटिक भस्म में के बारे में कुछ रोचक जानकारियां प्राप्त करा दे रहे हैं जैसे की
स्फटिक भस्म क्या है?, स्फटिक भस्म का उपयोग कैसे करें?, स्फटिक भस्म की सावधानियां और नुकसान क्या हो सकते हैं?, और स्फटिक भस्म के फायदे क्या है?, इन सभी जानकारियों को हम आपको आज के इस पोस्ट में देने वाले हैं। तो आप इन सभी जानकारियों को हासिल करने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।
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स्फटिक भस्म क्या है? what is sphatika bhasma
स्फटिक भस्म एक का रूप है इस भस्म को फिटकरी के द्वारा निर्मित किया जाता है। इस भस्म को फिटकरी भस्म या शुभ्र भस्म के नाम से भी जाना जाता है।इस भस्म में पाए जाने वाले सभी योगिक रंगहीन और जल में घुलनशील होते हैं। इस भस्म का प्रयोग रक्त में थक्का जमाने और स्वसन में पैदा होने वाले रुकावट को खत्म करने के लिए किया जाता है।
इस भस्म का हर एक भाग फिटकरी से बना होने के कारण यह हमारे त्वचा के रोगों का रक्त प्रदर, पुरानी खासी, छाती में जकड़न, और पेट दर्द आदि इलाज में सफलतापूर्वक कार्य करती है।
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स्फटिका भस्म को कैसे बनाया जाता है?
स्फटिका भस्म (sphatika bhasma) को फिटकरी के छोटे-छोटे टुकड़े को साफ करके मिट्टी से बड़े हांडी में ऊपर तक भरकर किसी ढक्कन से ढक दें। फिर इसे गजपुट में फूंक दे। शीतल या ठंडा होने पर हांडी को निकाल ले। फिर वह एक भस्म का रूप ले लेती है। जो की बहुत ही मुलायम और श्वेत वर्ण की होती है। इस श्वेत वर्ण को ही हम स्फटिका भस्म कहते हैं।
बहुत से लोग इस भस्म को बनने के लिए फिटकरी को तवा पर रखकर फिटकरी को फुलाकर इसकी खील बनाकर इसे महीन पीसकर अपने कामों में इसका प्रयोग करते हैं। इस प्रकार से भी स्फटिका भस्म (sphatika bhasma) को बनाया जाता है
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स्फटिक भस्म के फायदे Sphatika Bhasma benefits in hindi
स्फटिक भस्म के बहुत सारे फायदे निम्नलिखित है:
काली खांसी में लाभदायक स्फटिक भस्म
अगर आपको बहुत तेज खांसी आ रही है। तो अगर आप इस भस्म का प्रयोग करते हैं। तो आपको खांसी से बहुत आराम मिल सकता है। क्योंकि यह भस्म खासी के जीवाणुओं को नष्ट कर देता है। इस भस्म में जीवाणु रोधी गुण पाया जाता है। यदि किसी भी इंसान को खांसी की वजह से उल्टी की समस्या भी पैदा हो रही है। तो यह भस्म उसके लिए बहुत ही अच्छा उपचार हो सकता है।
निमोनिया में लाभदायक स्फटिक भस्म
अगर किसी भी को निमोनिया है। तो इस भस्म का प्रयोग करने से आप निमोनिया से बच सकते है। निमोनिया रोग में रोगी के फेफड़ो के आसपास के अंगों में सूजन आ जाता है और पसलिया जलने लगती है। अगर आपको भी यह स्थिति पैदा हो रही है। तो यह भस्म आपके लिए एक अच्छा लाभदायक उपचार हो सकता है।
विषाक्तता के कारण पेट दर्द में लाभदायक
अगर विषाक्तता के कारण आप पेट में दर्द या पेट में ऐठन की स्थिति पैदा हो रही है। तो आप को sphatika bhasma का सेवन करना अति आवश्यक है। इस भस्म का सेवन करने से आपके विषाक्तता के कारण पेट दर्द दूर सकता है और पेट के ऐठन से आराम मिलता है। यह बस में पेट दर्द के लिए बहुत ही ज्यादा आरामदायक साबित होता है।
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स्फटिक भस्म की मात्रा और सेवन विधि dose of sphatika bhasma
इस भस्म का सेवन बच्चे के साथ शायद बूढ़े और जवान लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। बच्चे इस भस्म को 65 से 250 मिलीग्राम तक इस भस्म का सेवन करें और बड़े लोग इस भस्म को 125 से 500 मिलीग्राम तक इसका सेवन करें और अगर आप इसे अधिकतम रूप से लेना चाहते हैं। तो आप इसे 1 दिन में 1500 मिलीग्राम तक ले सकते हैं। इससे अधिक लेना आपके के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
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स्फटिक भस्म कैसे लें how to use sphatika bhasma
इस भस्म को 1 दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं और इस भस्म को लेने का सही समय भोजन के बाद होता है। आप इस भस्म को शहद शर्करा और शरबत के साथ ले सकते हैं।
निष्कर्ष
हमने आपको आज के इस पोस्ट में स्फटिक भस्म के बारे में संपूर्ण जानकारियां दी है। तो हमें आशा है कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आप भी इस भस्म का प्रयोग करना चाहते हैं तो हमारी सलाह यह है। कि आप इस भस्म को डॉक्टर की सलाह से प्रयोग करें।