कुल्या भस्म के फायदे व अन्य जानकारी || Kulya Bhasma uses in hindi

कुल्या भस्म के फायदे व अन्य जानकारी || Kulya Bhasma uses in hindi

    दोस्तो आज का हमारा टॉपिक कुल्या भस्म है। यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधीय है। जो हमारे लिए बहुत ही लाभकारी होता है तथा कई प्रकार की बीमारियों का इलाज कर सकता है। यह हमें किसी भी मार्केट में या किसी भी पतंजलि स्टोर से बहुत ही कम दामों में मिल सकता है तो दोस्तों कुल्या भस्म के बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ इस टॉपिक में अंत तक बने रहिए।

 

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भस्म क्या है?

    आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में हजारों सालों से धातु तथा पेड़ पौधों तथा अन्य उपयोगी वस्तुओं से चिकित्सा हेतु दवा बनाने की परंपरा है। भारतवर्ष में पिछले 5000 वर्षों से पहले आयुर्वेद चिकित्सा का जन्म हुआ था। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कई प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए व्यापक रूप से भस्म का उपयोग किया जाता है।

भस्म को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के धातु, पेड़-पौधों का पहचान कर उसे व्यापक रूप से तैयार किया जाता है। भस्म का अर्थ किसी धातु को गर्म करके निश्चित रस या भस्म आदि में बदलना ही भस्म कहलाता है। सबसे पहले धातु शुद्धिकरण के विस्तृत प्रक्रिया से शुरू होती है।

इसमें कुछ अन्य खनिजों या हर्बल और गुलाब जल, गोमूत्र आदि का समावेश होता है। भस्म के विभिन्न महत्व जैसे पुराने बीमारियों के इलाज के लिए हानिकारक एसिड को बेअसर/खत्म करना।

 

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कुल्या भस्म मिश्रण क्या है Divya Kulya Bhasma Mishran

कुल्या भस्म (Kulya Bhasma in hindi) मिश्रण एक प्रकार की आयुर्वेदीक औषधी है जो कई प्रकार के भस्मो और रसो के मिश्रण को निश्चित अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह एक ऐसा मिश्रण है, जो तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के विकारों को दूर करने के लिए लाभकारी होता है।

 

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कुल्या भस्म मिश्रण के घटक – Kulya Bhasma ingredients

कुल्या भस्म मिश्रण एक भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है। जो भारत में 5 हजार सालो से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पूरी तरीके से प्राकृतिक तत्वों को मिलकर बनाया जाता है। जो विभिन्न प्रकार के धातुओं और हर्बल रस जैसे गुलाब जल, गोमूत्र, गंगाजल, शहद, आदि।

अन्य प्राकृतिक और हर्बल चीजों से मिलकर बनाया जाता है। इस भस्म में निम्न अन्य भस्म को मिलकर कुल्या भस्म को बनाया जाता है। जिसके अपने कुछ लाभ होते हैं।

इस भस्म को बनाने में कपर्दक भस्म, मुक्ता शुक्ति भस्म, गोदन्ती भस्म, प्रवाल पिष्टी भस्म ,रजत भस्म आदि भस्मो को मिलाकर कुल्या भस्म का निर्माण किया जाता है। जो हमें अनेक प्रकार की बीमारियों के उपचार का कार्य करता है।

 

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कुल्या भस्म के लाभ – Kulya Bhasma benefits in hindi

चलिए अब हम आपको कुल्या भस्म के लाभ को एक-एक करके बताते है।

(1) कुल्या भस्म मिश्रण कई प्रकार के भस्मो से मिलकर बना एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो हमारे तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ और शक्ति प्रदान करता है। कुल्या भस्म (Kulya Bhasma) में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत रखते हैं। तथा हमे किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होती है।

(2) कुल्या भस्म में मस्तिष्क के विकारों, मिर्गी तथा मस्तिष्क की कमजोरी को दूर करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुल्या भस्म (Kulya Bhasma) में उपस्थित पोषक तत्व हमारे शरीर तथा मस्तिष्क को स्वस्थ और तनाव से दूर रखता है। कुल्या भस्म के सेवन से हमे मिर्गी संबंधी बीमारी नहीं होती है।

(3) कुल्या भस्म का सेवन मस्तिष्क को मजबूत बनाता है और स्मरण शक्ति का विकास करता है। कुल्या भस्म में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं। जो हमारे मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं तथा उसकी स्मरण शक्ति को बढ़ाते हैं। जिससे हमारी सोचने समझने शक्ति मजबूत और स्ट्रांग होती है।

(4) कुल्या भस्म मिश्रण (Kulya Bhasma) इस औषधि में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो हमारे शरीर के हड्डियों तथा दांतों के लिए बहुत उपयोगी है। यदि हमारी हड्डिया कमजोर हो जाती है तो हमे कुल्या भस्म का सेवन करना चाहिए, जिससे हमारी हड्डियां मजबूत और दाँत चमकदार हो जाती हैं।

 

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कुल्या भस्म सेवन की विधि Kulya Bhasma Sevan vidhi

कुल्या भस्म का प्रयोग डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए। इसमें कई प्रकार की सावधानियाँ बरतनी होती है। जैसे रोग के प्रकार, रोगी की आयु, को निर्धारित और निरीक्षण कर ही लिया जाना चाहिए अन्यथा इसके गलत परिणाम भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना भी दुष्परिणाम को आमंत्रित कर सकता है। इसके लिए आप पतंजलि चिकित्सालय पर उपलब्ध वैध से राय लेकर ही कुल्या भस्म सेवन करें।

 

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निष्कर्ष

तो दोस्तों हमने आपको कुल्या भस्म के बारे में सारी जानकारी दे दी है। हमे उम्मीद है की आपको यह टॉपिक अच्छा लगा होगा। दोस्तों कुल्या भस्म का सेवन डॉक्टर या किसी वैध के सलाह से ही करें। अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते है।

shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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