हजरुल यहूद भस्म के फायदे, अन्य जानकारी || Hazrulyahud Bhasma Uses in Hindi
हजरुल यहूद भस्म के फायदे, अन्य जानकारी || Hazrulyahud Bhasma Uses in Hindi
दोस्तों आज हम फिर एक बार आपके सामने एक नया टॉपिक लेकर आ गए हैं। जिसका नाम है हजरुल यहूद (hazrulyahud Bhasma) भस्म है। आज हम आपको हजरुल यहूद भस्म के बारे में बताएंगे।
हजरुल यहूद भस्म जो एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में प्रयुक्त होता है। दोस्तों यह आयुर्वेदिक औषधि संपूर्ण रूप से प्राकृतिक तत्वों जैसे खनिज, जड़ीबूटी, पेड़ पौधों, शहद ,गुलाब जल, गंगा जल अन्य विभिन्न प्रकार के तत्वों से मिलकर बनाई जाती है।
जिसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम हजरुल यहूद भस्म के संबंध में पढ़ेंगे।
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हजरुल यहूद भस्म क्या है : what is hazrulyahud Bhasma
हजरुल यहूद भस्म (hazrulyahud Bhasma) जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है। यह एक यूनानी चिकित्सा पद्धति की दवा है। जिसे संगयहूद नाम के पत्थर से बनाया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रोग जैसे – पथरी, मूत्र विकार एवं पित्त विकारों में बहुत ही लाभदायक दवा है।
इसकी विभिन्न प्रकार के फायदों को देखते हुए इसे भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी शामिल किया गया है। संगयहूद या बेर पत्थर यह एक प्रकार का पत्थर होता है।जो बेर की तरह दिखाई देता है। इसलिए इसे बेर पत्थर भी कहा जाता है। इस पत्थर से जो भस्म तैयार होते हैं उसे हजरुल यहूद भस्म कहा जाता है।
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हजरुल यहूद भस्म के घटक : Hazrul Yahud Bhasma Ingredients
हजरुल यहूद भस्म (hazrulyahud Bhasma) को बनाने के लिए कई प्रकार के घटको का इस्तेमाल किया जाता है। जो हमें विभिन्न प्रकार से फायदे पहुंचाते हैं। हजरुल यहूद भस्म को बनाने के लिए बेर पत्थर, कुल्थी का काथ या स्वरस तथा मूली का स्वरस का इस्तेमाल किया जाता है तथा पिष्टी बनाने के लिए बेर पत्थर, गुलाब आर्क या चंदनादी अर्क का प्रयोग किया जाता है।
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हजरुल यहूद भस्म बनाने की विधि
हजरुल यहूद भस्म (hazrulyahud Bhasma) को बनाने के लिए सबसे पहले संगयहुद पत्थर या बेल पत्थर को शुद्ध करना होता है। शुद्ध करने के लिए सबसे पहले पत्थर को आग में तपा कर कुल्थी के क्वाथ में बुझाया जाता है। यह प्रक्रिया 7 बार दोहराई जाती है। जिससे बेर का पत्थर या संगयहुद पत्थर शुद्ध हो जाता है।
उसके बाद बेल पत्थर को इमाम दस्ते में डाल कर पीस लिया जाता है और उसको कपड़े से छानकर चूर तैयार कर लिया जाता है। अच्छी तरह से चूर होने के बाद इसे मूली की रस में अच्छी तरह मिला लिया जाता है। मिलाने के बाद इसका टिकिया बना ली जाती है। एवं सरावसम्पुट में आग देकर इस भस्म को तैयार कर ली जाती है। इस प्रकार से भस्म का निर्माण हो जाता है।
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हजरुल यहूद भस्म के फायदे hazrulyahud bhasma benefits in hindi
(1) हजरुल यहूद भस्म (hazrulyahud Bhasma in hindi) का उपयोग पथरी के इलाज में भी किया जाता है। इसे पथरी नाशक औषधि माना जाता है पथरी की वजह से रुके हुए मूत्र को फिर से शुरू कर देता है। अगर पथरी शुरुआती अवस्था में है तो यह उसे गलाकर मूत्र के रास्ते बाहर निकाल देता है।
(2) हजरुल यहूद भस्म वमन (दस्त) अर्थात उल्टी को रोकने में भी मदद करता है। वमन विकार में इसकी पिष्टी का प्रयोग करना फायदेमंद साबित होता है। लगभग एक गिलास ठंडे जल में दो रत्ती की मात्रा के साथ इसका सेवन करने से वमन अर्थात उल्टी रुक जाता है।
(3) हजरुल यहूद (hazrulyahud Bhasma ke fayde) पिष्टी बढे हुए पित्त को भी कम करता है। इसकी पिष्टी ठंडी प्रकृति की होती है। जो पित्त सामक का कार्य करती है। पित्त वृद्धि के कारण होने वाले त्वचा विकारों एवं हाथों पैरों की जलन में भी यह बहुत फायदा करती है। इसकी नियमित प्रयोग से बढ़ा हुआ पित्त की समस्या को रोका जा सकता है।
(4) हजरुल यहूद भस्म का प्रयोग अन्य कई प्रकार के बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है जैसे दाद, खाज खुजली, रिंग वर्ग, फोड़े फुंसी, पेशाब का रुक रुक कर आना, पेशाब में जलन होना, गुर्दे की पथरी, आदि अन्य कई प्रकार के रोगों में हजरुल यहूद भस्म का उपयोग किया जाता है।
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हजरुल यहूद भस्म के सेवन की विधि Hajrul Yahood Bhasma How to use
हजरुल यहूद भस्म (hazrulyahud Bhasma) का सेवन बहुत ही सावधानी और डॉक्टर की सलाह से करनी चाहिए। इसका सेवन 250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक की मात्रा में किया जा सकता है। पथरी की मरीजों को हजरुल यहूद भस्म 2 रत्ती के साथ 2 रति यवक्षार मिलाकर गुक्षुरादी क्वाथ के साथ प्रयोग करने से पथरी गलकर पेशाब के रास्ते निकल जाती है।
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निष्कर्ष
तो दोस्तों आज हमने आपको हजरुल यहूद भस्म के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। हमें उम्मीद है कि आपको यह टॉपिक अच्छा लगा होगा। दोस्तों यदि आपको किसी भी प्रकार की कोई बीमारी होती है तो आप इस भस्म का प्रयोग डॉक्टर की सलाह से कर सकते हैं।
वैसे तो दोस्तों हजरुल यहूद भस्म का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है परंतु फिर भी डॉक्टर की सलाह से ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए
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