अभ्रक भस्म के फायदे || abhrak bhasma uses in hindi

अभ्रक भस्म के फायदे || abhrak bhasma uses in hindi

 

    नमस्कार दोस्तों क्या आप आयुर्वेद के बारे में जानते हैं क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद भारत की बहुत ही पुरानी लगभग 5000 साल पुरानी उपचार पद्धति है। दोस्तों आयुर्वेद बहुत ही भरोसेमंद तथा वैज्ञानिक तकनीकी से बनाया हुआ आयुर्वेद औषधि होता है। जो हमारे विभिन्न प्रकार के रोगो को बहुत ही आसानी से तथा जड़ से खत्म कर देता है।

 

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दोस्तों हमें जब भी किसी भी प्रकार की बीमारी होती है तो हम अंग्रेजी दवाइयों पर ही निर्भर रहते हैं जो हमारे रोगों को जड़ से खत्म नहीं करते हैं तथा हमारी बीमारियां बाद में फिर से उत्पन्न हो जाती हैं तो दोस्तों यदि आप चाहते हैं कि आप की बीमारी दोबारा ना हो तो दोस्तों आपको आयुर्वेद औषधि का प्रयोग करना चाहिए।abhrak

 

आयुर्वेद औषधि किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है उसको दोबारा उभरने नहीं देती है तो दोस्तों आज हम आपको इस टॉपिक में (abhrak bhasma) के बारे में बताएंगे। इस अभ्रक भस्म के बारे में जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहिए।

 

Abhrak bhasma क्या है?

अभ्रक एक शाकाहारी खनिज है जो भारत में मुख्य रूप से बिहार प्रांत में कोयला खदानों और राजस्थान के बड़े पहाड़ों में पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अभ्रक चार प्रकार के होते हैं: पनक, दुर्दुर, नाग और वज्रभ्रक। इन चार प्रकार के अभ्रक के बारे में इस प्रकार पाया जा सकता है। जिस अभ्रक की पत्तियाँ आग में डालने पर खिल जाती हैं, उसे पणक अभ्रक कहते हैं।

 

जब अभ्रक को आग में फेंका जाता है तो मेंढक जैसी ध्वनि की ध्वनि दुर्दुर अभ्रक कहलाती है। और जो अभ्रक आग में डालने पर सांप की तरह फुफकारता है, उसे सर्प अभ्रक कहा जाता है। जब अभ्रक/(अभ्रक भस्म के फ़ायदे) को आग में रखा जाता है, न कोई आवाज़ करता है और न ही अपना रूप बदलता है, इसे वज्र अभ्रक कहा जाता है।

 

अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) बनाने के लिए मुख्य रूप से वज्रभ्रक का उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से वज्रभ्रक में राख बनाने के लिए इसके काले भाग का ही उपयोग किया जाता है। वज्र अभ्रक में आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी राख को अधिक लाभकारी माना जाता है। अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) को आयुर्वेद में अत्यंत प्रभावशाली औषधियों की श्रेणी में रखा गया है।

 

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अभ्रक भस्म के फायदे abhrak bhasma benefits in hindi

अभ्रक भस्म शरीर को बलवान बनाता है। इसके सेवन से कमजोरी दूर होती है। यह खांसी-जुकाम जैसी बीमारियों की अचूक दवा है। अभ्रक भस्म का उपयोग पुराने बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) वीर्य बढ़ाने और शक्ति बढ़ाने में उपयोगी औषधि है। इस दवा का उपयोग कफ विकारों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

 

यह दवा बवासीर के इलाज में भी कारगर है। (बवासीर रोग में उपयोगी औषधि – अर्शकुठार का रस) हृदय रोग में (हृदय रोग में अभेद्य औषधि – योगेन्द्र रस) नसों का दर्द दूर करने में।

 

यह दवा शरीर के ऊतकों की मरम्मत का काम करती है। यह दवा शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करने में भी कारगर है।

 

यकृत विकारों को दूर करने में, मानसिक विकार जैसे: अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) के प्रयोग से अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, तनाव जैसे विकार भी ठीक हो जाते हैं।

 

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विभिन्न रोगो में अभ्रक भस्म के उपचार

धातु को बढ़ाने के लिए अभ्रक का प्रयोग : सोने और चांदी की राख की एक चौथाई रत्ती + शहद या मक्खन के साथ अभ्रक की एक रत्ती मिलाकर दें।

 

हेमट्यूरिया के उपचार में अभ्रक का प्रयोग : अभ्रक को गुड़ या चीनी और हरड़ का चूर्ण मिलाकर या दूर्वा स्वर के साथ इलायची का चूर्ण और चीनी मिलाकर दें।

 

पुराने ज्वर में अभ्रक का प्रयोग : पुराने ज्वर में अभ्रक भस्म को शहद के साथ पीपलमूल का चूर्ण मिलाकर देना चाहिए।

 

बवासीर और पांडु रोग के लिए : दालचीनी + इलायची + नागकेशर + तेजपाल + सोथ + पीपल + मिर्च + आंवला + हरड़ + बहेड़ा बारीक चूर्ण चीनी या मिश्री के साथ मिलाकर शहद के साथ देना चाहिए।

 

अम्लता के उपचार में अभ्रक का प्रयोग : अम्लता के उपचार में अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) को आंवला चूर्ण या आंवले के रस के साथ देना चाहिए।

 

नसों के दर्द में अभ्रक का प्रयोग : अभ्रक भस्म 1 रत्ती + मकरध्वज 1/2 रत्ती को मिलाकर मक्खन या मलाई के साथ रोगी को देना चाहिए।

 

कफ को दूर करने के लिए : इमली और पीपल के चूर्ण में अभ्रक को शहद के साथ मिलाकर पिलाना चाहिए।

 

स्खलन के लिए : वीर्य बढ़ाने के लिए भांग के चूर्ण के साथ अभ्रक का सेवन करना चाहिए। और धातुओं के कमजोर होने पर लौंग के चूर्ण और अभ्रक को शहद के साथ प्रयोग करना चाहिए।

 

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ध्यान देने योग्य

अभ्रक भस्म (Abhrak Bhasma ke Fayde) का इलाज केवल दवा से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। कोई भी दवा अपने आप लेना आपके लिए हानिकारक परिणाम भी दे सकता है। इस दवा का प्रयोग सीमित समय के लिए ही करना चाहिए। इस दवा के उपयोग से दिल की धड़कन बढ़ सकती है।

 

निष्कर्ष

दोस्तों हमने आपको अभ्रक भस्म के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। तो अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए रामबाण इलाज है। यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक औषधियों से निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। जो हमें किसी भी प्रकार की कोई साइड इफेक्ट नहीं करता है।

 

दोस्तों यदि आपको किसी भी प्रकार की बीमारी होती है तो आप एक बार आयुर्वेद दवा का प्रयोग जरूर करें यह मार्केट में आपको काफी सस्ता तथा आसानी से मिल जाएगा तो दोस्तों आप इसको जरूर इस्तेमाल करें। धन्यवाद

 

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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