एकांगवीर रस के फायदे व अन्य फायदे || Ekangveer ras uses in hindi

एकांगवीर रस के फायदे व अन्य फायदे || Ekangveer ras uses in hindi

     एकांगवीर रस दोस्तों यह एक प्राकृतिक जड़ी बूटियों से बना आयुर्वेदिक दवा का एक औषधि है। जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में यूज किया जाता है। दोस्तों इन औषधियों को आप किसी भी आयुर्वेदिक दुकान पर बहुत ही कम दाम में आसानी से मिल सकता है।

इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है तो दोस्तों यदि आपको एकांगवीर रस के बारे में डिटेल में जानना है तो आज की इस टॉपिक पर अंत तक बने रहिए।

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एकांगवीर रस (ekangveer ras) क्या होता है

एकांगवीर रस प्राकृतिक औषधियों से बना एक आयुर्वेदिक औषधि है। जिसका इस्तेमाल कई प्रकार के रोग को जड़ से खत्म करने के लिए तथा कई प्रकार के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका सेवन करने से लकवा रोग, अर्धांगवात, सायटिका, वात विकार आदि रोगों में लाभ मिलता है।

एकांगवीर रस (ekangveer ras in hindi) एक बहुत ही सस्ती तथा बहुत ही अच्छी दवा है। जिसको हम बहुत ही कम पैसे में किसी भी आयुर्वेदिक दुकान से खरीद सकते हैं। इसका कोई भी साइडइफेक्ट नहीं होता है।

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एकांगवीर रस के घटक ekangveer ras ingridients

एकांगवीर रस को बनाने के लिए कई प्रकार के प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। जो कुछ इस प्रकार है जैसे

गंधक शुद्ध, रस -सिंदूर, कान्त लौह भस्म, आर्द्रका रस, वंग भस्म, नाग भस्म, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, तीक्ष्ण लौह भस्म, नगर (शुंठी ), मरीचा (Fr.), त्रिफला क्वाथ (P.), पिप्पली (Fr.) ,व्योष द्रव (त्रिकटु ), क्वाथ, शुंठी (Rz.), निर्गुण्डी क्वाथ (Lf.), चित्रका क्वाथ (Rt.) , भृंगराज स्वरस (Pl.) , शिग्रु स्वरस (Lf.) ,धात्री द्रव (आमलकी ), स्वरस (Fr.) , विसमष्टि शुद्ध क्वाथ (Enm.), र्क -क्वाथ (Rt./Lf.), धत्तुरा (Lf.)

एकांगवीर रस सेवन विधि

एकांगवीर रस का सेवन दिन में 2 बार करना चाहिए। एकांगवीर रस का सेवन खाना खाने के बाद करना चाहिए। खाना खाने के बाद इसका सेवन 1 दिन में दो बार सुबह और रात में करते हैं। एकांगवीर रस का सेवन दूध शहद या हल्के गर्म पानी के साथ करना चाहिए।

इसके अलावा आप इसका सेवन करने से पहले इसकी सेवन विधि के बारे में अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। इसके बाद आप एकांगवीर रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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एकांगवीर रस के लाभ ekangveer ras benefits in hindi

एकांगवीर रस के सेवन करने से बीमार व्यक्ति को बहुत सारे फायदे होते हैं। जिससे उसकी बीमारी दूर हो जाती है तो यहां पर हम एकांगवीर रस (ekangveer ras ke fayde) से होने वाले फायदों के बारे में चर्चा करेंगे जैसे

(1) जब किसी व्यक्ति को पैरालिसिस संबंधी बीमारी की समस्या होती है तो उसको एकांगवीर रस का सेवन करना चाहिए। इससे बीमार व्यक्ति को काफी लाभ मिलता है और उसका पैरालिसिस को ठीक होने की संभावना रहती है।

(2) एकांगवीर रस (ekangveer ras) प्राकृतिक जड़ीबूटियों से निर्मित आयुर्वैदिक दवा है जो वात दोष की समस्या को दूर करने तथा वात दोष को संतुलित करने के लिए एक बेहतर और उत्तम औषधि है। जो आयुर्वेद की किसी भी दुकान पर बहुत ही सस्ते तथा कम दामों में आसानी से मिल सकता है। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। यह वात दोष की समस्या को बहुत ही कम समय में संतुलित और ठीक कर सकता है।

(3) एकांगवीर रस (ekangveer ras in hindi) का सेवन सायटिका नामक रोग में भी किया जाता है। जिसका मुख्य उपयोग सायटिका रोग की रोकथाम करना तथा उसे जड़ से खत्म करना है क्योंकि साइटिका रोग में इसका सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है। एकांगवीर रस प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है।

जो हमे बहुत सारे बीमारी में काम आता है। उनमें से एक बीमारी सायटिका भी है। जिसमें एकांगवीर रस का सेवन किया जाता है। जिसका एकांगवीर रस रामबाण इलाज है तो सायटिका रोग संबंधी बीमारी होने पर हमें एकांगवीर रस का सेवन करना चाहिए।

(4) यदि किसी व्यक्ति के खून में कीटाणुओं की संख्या बढ़ गई है या ज्यादा हो गई है तो उस व्यक्ति को एकांगवीर रस का सेवन करना चाहिए। जिससे कि व्यक्ति के खून में उपस्थित हानिकारक कीटाणु मर जाएं। एकांगवीर रस (ekangveer ras) के इस्तेमाल से खून साफ और स्वच्छ होता है तो खून में उपस्थित हानिकारक कीटाणु एकांगवीर रस के इस्तेमाल से मर जाते हैं तथा हमारा खून साफ और स्वच्छ हो जाता है।

(5) एकांगवीर रस के सेवन करने से हमारे शरीर की नाड़ी और नशे काफी मजबूत और स्वस्थ हो जाती हैं। जिससे हमें काफी लाभ मिलता है तथा हमारे शरीर में ब्लड सरकुलेशन अच्छा बना रहता है एकांगवीर रस का इस्तेमाल नाड़ी और नशे को स्वस्थ और मजबूत बनाता है।

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एकांगवीर रस के नुकसान

एकांगवीर रस आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बना एक औषधि है जो हमें कई प्रकार के रोगों से लड़ने में सहायता करती है एकांगवीर रस की अपने कुछ नुकसान भी होते हैं जो हम आगे पढ़ेंगे।

(1) एकांगवीर रस का इस्तेमाल हमें एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

(2) किसी भी प्रकार की रोग होने पर एकांगवीर रस का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए बिना डॉक्टर की सलाह से हमें एकांगवीर रस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अन्यथा हमें बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

(3) यदि आपको एकांगवीर रस में प्रयोग की जाने वाली किसी भी ही तत्व से कोई एलर्जी है तो इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।

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निष्कर्ष (ekangveer ras)

हां तो दोस्तों हमने आपको एकांगवीर रस (ekangveer ras) के बारे में सब कुछ बता दिया है कि उसका सेवन कैसे किया जाता है, उसको कैसे बनाया जाता है तथा उसको बनाने का तरीका, उसके लाभ और हानि सब चीजों के बारे में हमने विस्तार से बता दिया है

तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह टॉपिक एकांगवीर रस अच्छा लगा होगा तथा आपको इसके बारे में समझ आया होगा तो दोस्तों आप इस टॉपिक को लाइक शेयर कमेंट जरुर करें धन्यवाद।

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shelendra kumar

नमस्कार दोस्तों , में Shelendra Kumar (Founder of healthhindime.com ) हिंदी ब्लॉग कॉन्टेंट राइटर हूँ और पिछले 4 वर्षो से हेल्थ आर्टिकल्स के बारे में ब्लॉग लिख रहा हूँ मेरा उद्देस्य लोगो को हेल्थ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना हैं

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