लक्ष्मी विलास रस के फायदे व अन्य जानकारी || Laxmi Vilas ras uses in hindi
लक्ष्मी विलास रस के फायदे व अन्य जानकारी || Laxmi Vilas ras uses in hindi
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग हमें उम्मीद है कि आप जहां कहीं भी होंगे अच्छे होंगे। दोस्तों आज हम आपके लिए नया टॉपिक लेकर आ गए हैं, जिसका नाम है लक्ष्मी विलास रस (laxmi vilas ras uses in hindi) तो आज हम आपको लक्ष्मी विलास रस से संबंधित तथ्यों के बारे में बताएंगे कि लक्ष्मी विलास रस क्या होता है।
यह किन किन तत्वों से मिलकर बना होता है या कैसे बनता है तथा इसके खाने की विधि क्या होती है तथा इसके फायदे और लाभ के बारे में आपसे विस्तार से चर्चा करेंगे। दोस्तों लक्ष्मी विलास रस एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित औषधि है। जिसका प्रयोग हम विभिन्न प्रकार के बीमारियों से उबरने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
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लक्ष्मी विलास रस (laxmi vilas ras) क्या होता हैं?
लक्ष्मी विलास रस एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है। जो प्राकृतिक जड़ी बूटियों से निर्मित होता है। यह कई प्रकार के रोगों में इलाज के काम में आता है, इसको बनाने के लिए धतूरा, कपूर और अभ्रक भस्म का इस्तेमाल किया जाता है जो हमारी सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होता है।
लक्ष्मी विलास रस (laxmi vilas ras in hindi) को किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की दुकान पर बहुत ही आसानी से तथा कम दाम में खरीदा जा सकता है। जो हमे कई प्रकार से लाभ प्रदान करता है।
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लक्ष्मी विलास रस के तत्व
लक्ष्मी विलास रस एक आयुर्वेदिक औषधि होने के कारण इसमें कई प्रकार के तत्व को मिलाकर बनाया जाता है। जो संपूर्ण रूप से प्राकृतिक जड़ी बूटियां होती हैं। लक्ष्मी विलास रस को बनाने के लिए जो तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। वह कुछ इस प्रकार है:
जैसे – शुद्ध पारा, शुद्ध हरिताल, खर्पर भस्म, बंग भस्म, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म,कान्त लौह भस्म, कांस्य भस्म, शुद्ध -गंधक, स्वरस अजवायन
जीरा सफ़ेद, सोंठ ,काली मिर्च, पीपर, हरड़, बहेड़ा, आँवला, तगर ,दालचीनी, वंशलोचन ,कुलथी के क्वाथ, आदि को मिलाकर लक्ष्मी विलास रस (laxmi vilas ras in hindi) का निर्माण किया जाता है। जिससे यह कई प्रकार के रोगों को ठीक करने करने के काबिल हो जाता है।
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लक्ष्मी विलास रस बनाने के तरीके
लक्ष्मी विलास रस बनाने का तरीका बहुत ही आसान है, इसको आप अपने घर पर भी आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए हमें कुछ जरूरी स्टेप को फॉलो करने पड़ते हैं। जो इस प्रकार हैं, जैसे – शुद्ध पारा 4 तोला, शुद्ध हरी ताल 4 तोला, खर्पर भस्म 2 तोला, बंग भस्म, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, कांत लौह भस्म, कांस्य भस्म, शुद्ध गंधक।
यह प्रत्येक द्रव्य 4-4 तोला लेकर प्रथम पारा और शुद्ध गंधक की कजली बनावे बाद में सब द्रव्य को एकत्र मिलाकर काले भंगारे के रस के साथ 3 दिन तक मर्दन करें।
शुष्क हो जाने पर इसमें छोटी इलायची, तेजपात, लॉन्ग, अजवाइन, सफ़ेद जीरा, सौंफ, काली मिर्च, पीपर, हरण, बहेड़ा, आंवला, तगर दालचीनी, वंशलोचन, ये प्रत्येक द्रव्य 1-1 तोला लेकर सूक्ष्म कपड़छन चूर्ण करके मिला दें और सबको भांगरा -स्वरस और कुलथी के क्वाथ को मिला दे। जब गोली बनाने योग्य हो जाए तो दो-दो रत्ती की गोली बनाकर रख ले। अब आपका लक्ष्मी विलास रस तैयार हो गया है।
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लक्ष्मी विलास रस (Laxmi vilas ras) उपयोग विधि
लक्ष्मी विलास रस (laxmi vilas ras) को खाने के लिए आपको कुछ प्रक्रियाओं को करना पड़ता है जो इस प्रकार है।
(1) आप गोलियों का उपयोग करते हैं तो भोजन के 1 घंटे बाद एक या दो गोलियां ले या फिर जैसा आप के डॉक्टर आपके लिए निर्धारित करते हैं।
(2) टेबलेट को मक्खन, दूध, दही, फल के रस या गर्म पानी के साथ भी ले सकते हैं।
(3) 1 दिन में 750 मिलीग्राम या 4 गोलियों से अधिकतम खुराक ना ले।
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लक्ष्मी विलास रस के गुण Laxmi vilas ras benefits in hindi
लक्ष्मी विलास रस एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है। जो विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना है। इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह कई प्रकार के रोगों के इलाज में काम आता है। इससे कई प्रकार के फायदे (laxmi vilas ras ke fayde) भी होते हैं, जो हम आपको बताने जा रहे हैं:
- (1) यह Laxmi vilas ras विभिन्न प्रकार के रोगो में ईलाज के काम आता है। जैसे – मधुमेह, त्वचा रोग, गठिया, कान, गले, नाक और आंख की बीमारियों के इलाज में बहुत अच्छी तरीके से काम करता है।
- (2) इसे प्राकृतिक एफ़्रोडायसियाक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- (3) यह आपके कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य का ख्याल रखता है।
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Laxmi vilas ras के उपयोग से हानियां
लक्ष्मी विलास रस का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने या बिना डॉक्टर का सलाह लिए इसका उपयोग करने से इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं जैसे
(1) लक्ष्मी विलास रस का अधिक मात्रा में सेवन करने से अति संवेदनशील परिणाम स्वरूप जहरीले प्रभाव हो सकते हैं।
(2) लक्ष्मी विलास रस का सेवन अधिक मात्रा में ना लें खपत आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित सीमित समय के लिए होनी चाहिए।
(3) गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला इसको बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
(4) इसमें स्ट्रैक्विनिन और कैनाबिस पाया जाता है जिसके खपत में सख्त सर्वेक्षण शामिल है।
(5) कुछ रोगियों में पानी की कमी होने पर ह्रदय गति में वृद्धि हो सकता है।
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निष्कर्ष
तो दोस्तों आपको हमारा यह टॉपिक लक्ष्मी विलास रस कैसा लगा। हमें कमेंट कर बताएं। दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह टॉपिक अच्छा लगा होगा और आपको इस टॉप से बहुत कुछ जानकारी और सीख मिली होगी।
दोस्तों लक्ष्मी विलास रस एक बहुत ही अच्छा आयुर्वेदिक औषधि है। जिसको आप किसी भी डॉक्टर की सलाह से यूज कर सकते हैं तो दोस्तों यदि आपको हमारा यह टॉपिक अच्छा लगा हो तो लाइक शेयर कमेंट जरुर करें धन्यवाद।
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